For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तेरे सुन्दर नैन, नैन में सागर तैरे।
उसमें डूबा चांद, चांद को दुनिया हेरे॥
मिला नहीं जब चांद, तुझे उपमा दे डाली।
स्वर्ग परी समरूप, सिन्धु सी नैनों वाली॥

तेरे काले केश, अमावस जैसे लगते।
भटक गये सुकुमार, अलक में उलझे रहते॥
चांद अमावस साथ, अरे अद्भुत है आली।
स्वर्ग परी समरूप, सिन्धु सी नैनों वाली॥

वीणा की झंकार, मधुर श्रवणों में घोले।
अरुण ओष्ठ पुट खोल, बैन जब- जब तू बोले॥
नहीं सुनूँ झंकार, लगे सब सूना खाली।
स्वर्ग परी समरूप, सिन्धु सी नैनों वाली॥

धरे पयोधर वक्ष, कलश अमृत के लगते।
पी कर वय सुकुमार, पुष्ट तन मन से होते॥
करते हैं श्रृंगार, पयोधर तेरे आली।
स्वर्ग परी समरूप, सिन्धु सी नैनों वाली॥

गालों का अरुणाभ, चकित सूरज को करता।
किन्तु चंद्र शीतल्य, कपोलों में खुद भरता॥
आह्लादित मन गात, रूप लावण्यों वाली॥
स्वर्ग परी समरूप, सिन्धु सी नयनों वाली॥

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 1010

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 15, 2013 at 8:49pm

आदरणीय विन्ध्येश्वरी जी,  नारी रूप वर्णण का सुन्दर कित्रण किया आपने , अनुपम !!अदभुत !! बधाई !!

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on September 15, 2013 at 6:52pm

यह गीत तो किसी फिल्म में संगीत के साथ गाने लायक है। बधाई त्रिपाठीजी ।

Comment by annapurna bajpai on September 15, 2013 at 6:28pm

आह्लादित मन गात, रूप लावण्यों वाली॥
स्वर्ग परी समरूप, सिन्धु सी नयनों वाली॥............... बहुत सुंदर आदरणीय विनय जी , बधाई इस सुंदर प्रस्तुति हेतु ।

Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 15, 2013 at 5:38pm

सुंदर रचना के लिए हार्दिक बधाई स्वीकारें 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
yesterday
Tilak Raj Kapoor updated their profile
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय तिलकराज कपूर जी, पोस्ट पर आने और सुझाव के लिए बहुत बहुत आभर।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service