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मैं नदियो पर बाँध बनाकर
और नहरें खोदकर ,
पानी किसानों के खेतों तक पहुचाता हू ॥
मैं सिंचाई विभाग में काम करता हू ॥


किसान कहते है
सर , जब फसलों में बालियां आती है
मेरे चेहरे में खुशियाली आती है ॥

पत्नी कहती है
जब किचन में लौकी काट देते हो
तुम अच्छे और सच्चे लगने लगते हो ॥



जब एक खिलाडी कम होता है
बच्चे कहते है ...
अंकल , बोल्लिंग कर दो न
कर देता हू ...
फिर कहते है ..थैंक अन्कल ॥

मैं बूढों से बतिया लेता हू
५ रुप्र्ये किलो घी की बात करते है वे
अच्चा लगता है सुनकर
फिर आशीर्वाद भी देते है ॥

आप क्या -क्या करते हो भाई
मुझे भी बताओ ॥


दोस्तों , एक काम गलत करता हू
हाथ -पैर से मजबूत आदमी के
कटोरे में सिक्का नहीं डालता ॥

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मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on July 14, 2010 at 7:50pm
दोस्तों , एक काम गलत करता हू
हाथ -पैर से मजबूत आदमी के
कटोरे में सिक्का नहीं डालता ॥
बहुत ही अच्छी रचना है बब्बन भईया, और एक बात कहना चाहता हूँ कि इंजिनियर तो होता ही है ऐसा जहां चाहे वहा फिट कर दो ,काम हो जायेगा,
दूसरी बात दोस्तों , एक काम गलत करता हू
हाथ -पैर से मजबूत आदमी के कटोरे में सिक्का नहीं डालकर आप सिक्के की बेईज्जती होने से बचा लेते है,

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