For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

[आएश और आमश के लिए]


हमारे पास कुछ भी नहीं है

चंद औराक़ गर्दिशे-दौराँ के
चंद नसीहतें जो नस्ल दर नस्ल हम तक पहुंचीं
ऐसा विश्वास जहाँ श्रद्धा के अतिरिक्त
सारे सवाल अनुत्तरित और प्रतिबंधित
हैं

मैं कांपता था , लड़खडाने लगते थे क़दम
पसीने लगते थे छूटने
तुम मत डरना
कभी कुत्ते के भौंकने और बिल्ली के म्याओं म्याओं से

शिनाख्त रखना नहीं
न वजूद के पीछे
भागना
रैपर बन जाना
किसी भी साबुन की टिकिया
का चमकदार और भड़क दार ,
टिकिया के बारे में न सवाल करना, न करने देना ;
वे एक सी होती हैं
सभी

हाँ !रैपर का नाम ही तुम्हारा होगा
यह मान बढायेगा तुम्हारा

अनुभव की पोटली से निकले यह चंद
सिक्के बेईमानी , झूठ और मक्कारी
कल तुम्हारे मुद्रा-अस्त्र होंगे

सहेजकर रखना इस वसीयत
को

मुझे याद मत
करना

किरदार और गुफ्तार रफ़्तार की
रखना रेत के टीले मत बनाना ।

Views: 449

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SYED BASEERUL HASAN WAFA NAQVI on October 15, 2010 at 6:44pm
शहरोज़ भाई सलाम बहुत अच्छी नज़्म है.

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on August 11, 2010 at 9:44am
वाह बहुत खुबसूरत रचना, कुछ अलग रूप रंग लिये एक उम्द्दा अभिव्यक्ति, शानदार ,
Comment by asha pandey ojha on August 10, 2010 at 7:15pm
सहरोज जी सर्वप्रथम तो आपका ओ बी ओ में हार्दिक स्वागत है ..!
आपकी एस बेहतरीन रचना के लिए अल्फाज़ ढूढे नहीं मिल रहे बहुत खूब वक्त के साथ बदलते इंसान के लेबल को बखूबी व्यक्त किया है आपने सच को इतनी ज़िन्दादिल्ली अभिव्यक्त करने के लिए बधाई
Comment by Admin on August 10, 2010 at 5:19pm
आदरणीय शहरोज़ साहिब,
सादर अभिवादन,
सर्वप्रथम तो मै ओपन बुक्स ऑनलाइन के मंच से आपकी प्रथम पोस्ट का दिल से स्वागत करते है, शुरुवात बहुत ही अच्छी रचना से की है, बहुत ही खुबसूरत और भावपूर्ण रचना है, बधाई इस पोस्ट पर,
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on August 10, 2010 at 2:25pm
वाह जी वाह.....बहुत ही बढ़िया रचना है....कमाल की रचना है ...
Comment by baban pandey on August 10, 2010 at 1:24pm
भाई वाह ...शायद आपकी पोस्ट है OBO पर ...बेहतरीन

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

surender insan commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय नीलेश भाई जी सादर नमस्कार जी। अहा! क्या कहने भाई जी बेहद शानदार और जानदार ग़ज़ल हुई है। अभी…"
1 hour ago
Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो"
6 hours ago
Aazi Tamaam commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"अच्छी रचना हुई आदरणीय बधाई हो"
6 hours ago
Aazi Tamaam commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"अच्छी ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो 3 बोझ भारी तले को सुधार की आवश्यकता है"
6 hours ago
Aazi Tamaam commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय इस बह्र पर हार्दिक बधाई"
6 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय सुरेंद्र इंसान जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
6 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत शुक्रिया आदरणीय भंडारी जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
6 hours ago
surender insan commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई जी  छन्न पकैया (सारछंद) में आपने शानदार और सार्थक रचना की है। बहुत बहुत बधाई…"
8 hours ago
surender insan commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय आज़ी भाई आदाब। बहुत बढ़िया ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करे जी।"
8 hours ago
surender insan commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सौरभ जी सादर नमस्कार जी। ग़ज़ल पर आने के लिए और अपना कीमती वक़्त देने के लिए आपका बहुत बहुत…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई ,सुन्दर  , सार्थक  देश भक्ति  से पूर्ण सार छंद के लिए हार्दिक…"
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय सुशिल भाई , अच्छी दोहा वली की रचना की है , हार्दिक बधाई "
12 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service