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गीत -''ये तो मोहब्बत नहीं !

तेरी ज़िद है तू ही सही ;
मेरी अहमियत कुछ नहीं ,
बहुत बातें तुमने कही ;
मेरी रह गयी अनकही ,
ये तो मोहब्बत नहीं !
ये तो मोहब्बत नहीं !!
.......................................
हुए हो जो मुझ पे फ़िदा ;
भायी है मेरी अदा ,
रही हुस्न पर ही नज़र ;
दिल की सुनी ना सदा ,
तुम्हारी नज़र घूरती ;
मेरे ज़िस्म पर आ टिकी !
ये तो मोहब्बत नहीं !
ये तो मोहब्बत नहीं !!
..................................
रूहानी हो ये सिलसिला ;
ना इसमें हवस को मिला ,
है नाज़ुक सा रिश्ता बड़ा ;
ज़ज़्बात से ही निभा ,
कहीं तेरे तेज़ाबी तेवर ;
जला दें n खिलती कली !
ये तो मोहब्बत नहीं !
ये तो मोहब्बत नहीं !!
................................
नहीं देना तू दर्द उसको ;
माना है महबूब जिसको ,
अगर है हवस ही मिटानी ;
तो समझा यही बस खुद ही को ,
मोहब्बत तो है पाक गंगा ;
नाली का पानी नहीं !
ये तो मोहब्बत नहीं !
ये तो मोहब्बत नहीं !

मौलिक व अप्रकाशित

द्वारा 

शिखा कौशिक 'नूतन'

Views: 475

Comment

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Comment by shikha kaushik on August 11, 2016 at 9:37pm

aadarniy shyam ji v ashish ji rachna kee sarahna hetu hardik aabhar

Comment by ASHISH KUMAAR TRIVEDI on August 11, 2016 at 8:10pm
सुंदर रचना
Comment by Shyam Narain Verma on August 10, 2016 at 11:40am

सुंदर  गीत के लिए तहे दिल बधाई के साथ सादर 

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