For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आज रिलीज़ हुई है फिल्म आयशा| फिल्म की कहानी पर ध्यान दें तो यह एक आमिर लड़की की अपनी ज़िंदगी और सोच के इर्द गिर्द घूमती कहानी नज़र आती है|आयशा एक आमिर और स्टाइलिश लड़की है , और वह एक इवेंट मैनेजमेंट के तौर पर दिलों को जोड़ने का काम करती है,रूप सज्जा मे काफ़ी कृत्रिम,बनावटी और अप्राकृतिक चीज़ें साफ साफ नज़र आती हैं,कहानी मे कोई खास दम नही है, सिर्फ़ और सिर्फ़ कहानी आयशा के इर्द गिर्द ही घूमती रहती है|कभी वो सेल्फिस नज़र आती है तो कभी दोस्तों की मदद कर उनपर चुपके चुपके अधिकार जमाने की कोशिश भी करती है|एक दोस्त पिंकी के रूप मे इरा दूबे ने अच्छा अभिनय किया है,शेफाली के रूप मे मिडिल क्लास फैमिली की लड़की होने का अहसास अमृता पूरी ने देने मे कोई कोताही नही बरती है, वो पूरी तरह से इस रोल मे फिट बैठ रही हैं,सीमित संसाधनों के बीच सोनम और अभय देओल ने अच्छा काम किया है, इसमे कोई शक नही|इस छोटी सी स्टोरी मे भी दिल्ली की झलक मिल रही है|पता नही क्यों आजकल के फिल्मों मे दिल्ली के सीन कुछ ज़्यादा ही नज़र आ रहे हैं |मैने पिछली लगभग 10 फिल्मों पर नज़र दौड़ाई तो मुझे सबमे एक ही समानता नज़र आई और वो यही की सबमे दिल्ली की भूमिका किसी ना किसी बहाने से मजबूत रूप मे है| आख़िर कुछ बात तो है इस शहर मे|आयशा एक लव स्टोरी है, लेकिन फिल्म में प्यार के क्षण ही नहीं आ पाते। कभी लड़ाई तो कभी फ्लर्ट यही सब दिखता है|कभी भी प्यार का अहसास ही नही हो पाता,प्यार का इज़हार भी एक बालकनी मे खड़ा होकर सीधी के उपर से करना थोड़ा कामेडी लगता है,मगर इसका क्या औचित्य है समझ मे नही आता|इस फिल्म मे प्यार कम नौटंकी ज़्यादा है| हाँ ये ज़रूर दिख जाता है की अगर आपको किसी दूसरे का इस्तेमाल करना है तो आप कैसे इस काम को अच्छी तरह से कर सकते हो |मिडिल क्लास पर तरस भी खाने वाली बात मुझे समझ मे नही आई|आख़िर सबकी एक अपनी ज़िंदगी है| आप उसमे कैसे इंटेरफेयर कर सकते हैं?,अपनी मर्ज़ी कैसे आप दूसरों पर थोप सकते हैं? कुल मिलकर यह एक ताम झाम वाली और लड़की प्रधान फिल्म है,अगर आपकी कोई गर्लफ़्रेंड है तो उसके साथ आप ये फिल्म देखने जा सकते हैं|वीकेंड के लिए छुट्टी मनाने का अच्छा ज़रिया साबित हो सकता है|किरदारों के स्टाइलिश लुक देने के चक्कर मे उनका असली किरदार सही रूप मे सामने नही आ पाया है|आयशा इस नये दौर की एक कैरेक्टर है, जिसकी बनावट से अधिक सजावट पर ध्यान दिया गया है।और इसमे सोनम पूरी तरह से चमक दमक मे निखर भी रही हैं|फिल्म का निर्देशन अच्छा है,मगर अमित त्रिवेदी का संगीत बहुत ही लाजवाब और प्यारा है,इसमे बिल्कुल मिलावट नही है, इसमे नयापन झलकता है, फिल्म के अंत मे गीत अच्छा लगता है,कुल मिलकर अनिल कपूर की ये फिल्म ऐसे लोगों के लिए है जो ज़्यादा सजने सवरने मे, पिकनिक मे और सिर्फ़ मस्ती मे मगन रहते हैं,फिल्म से कुछ खास शिक्षा नही मिलती है,बस दिल्ली की इस भाग दौड़ भारी ज़िंदगी मे भी कुछ युवा दिलों की मस्ती नज़र आएगी|आपको कुछ समय के लिए ऋषिकेश की पहाड़ी वादियों का लुत्फ़ उठाना हो तो फिर ठीक है,निर्देशक : राजश्री ओझा ने सीमित कहानी और ढीली पटकथा के बावजूद दर्शकों को बाँधने की भरपूर कोशिश की है|सोनम कपूर सुंदर तो हैं ही, इसमे तो कोई शक नही है , मगर इस फिल्म मे तो वो सेक्सी और नये मॉडलके कपड़ो मे वो बिल्कुल परी जैसी दिखती हैं, इसमे रूप सज्जा करने वाले और निर्देशक राजश्री ओझा ने भरपूर मेहनत की है|अभिषेक तिवारी|
मेरी नज़र मे ये फिल्म (ठीक ठाक) है

Views: 703

Replies to This Discussion

बहुत बढ़िया अभिषेक भाई , प्रत्येक शुक्रवार को आप एक फ़िल्म को दिखा रहे है बढ़िया लग रहा है, आप का समीक्षा करने का अंदाज मुझे बहुत पसंद आ रहा है , जय हो ,

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आपकी ग़ज़ल में रदीफ़, काफ़िया और बह्र की दृष्टि से प्रयास सधा हुआ है। इसे प्रशंसनीय अभ्यास माना जा…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"सादर , अभिवादन आदरणीय।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"नफ़रतों की आँधियों में प्यार भी करते रहे।शांति का हर ओर से आधार भी करते रहे।१। *दुश्मनों के काल को…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"जय-जय"
3 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"स्वागतम"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Saurabh Pandey's blog post गजल - जा तुझे इश्क हो // -- सौरभ
"आ. सौरभ सर श्राप है या दुआ जा तुझे इश्क़ हो मुझ को तो हो गया जा तुझे इश्क़ हो..इस ग़ज़ल के…"
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. नाथ जी "
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. विजय जी "
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. अजय जी "
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. समर सर. पता नहीं मैं इस ग़ज़ल पर आई टिप्पणियाँ पढ़ ही नहीं पाया "
8 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की- लगती हैं बेरंग सारी तितलियाँ तेरे बिना
"धन्यवाद आ. रचना जी "
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service