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क्या भाजपा अगले लोकसभा के आम चुनावों में अपनी वर्त्तमान सीटें बरक़रार रख पायेगी?

आपलोग आश्चर्यचकित होंगे की मैंने अपनी परिचर्चा में बजाये ये पूछने के कि भाजपा अगले आम चुनावों में जीत पायेगी या नहीं, ये पूछा है की भाजपा अपनी वर्त्तमान सीटें बचा पायेगी या नहीं, तो सम्मानित सदस्यों से मैं कहना चाहता हूँ की जहाँ तक मेरा ख्याल है जो मारामारी भाजपा में मची है PM पद के लिए और एक-दूसरे की टांग खिंचाई का जो दौर चल रहा है पार्टी में, उससे तो अपनी वर्त्तमान स्थिति को कायम रख पाना भी भाजपा के लिए मुश्किल लग रहा है और जीतने का तो प्रश्न ही नहीं उठता. कम से कम आठ लोग इस दौड़ में खुद को शामिल मान रहे हैं. विपक्ष की ऐसी हास्यापद स्थिति सत्तापक्ष को ही निरंकुश करेगी, और कुछ नहीं.


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अब भा ज पा की वह छवि नहीं रही जो पहले थी , विशेषकर  अन्ना आन्दोलन के दोरान 
 भा ज पा  का रुख देख कर मेरा  इस दल से मोह-भंग हो गया है , लेकिन कोई विकल्प भी नज़र नहीं आ रहा !
अब मैंने यह तय किया है कि उम्मीदवार की छवि , उसकी सेवा-भावना को देख कर वोट करूँगा !
 
आपने बिलकुल सही प्रश्न उठाया है  !  लेकिन इसका उत्तर तो अगले आम चुनावों के पश्चात ही मिलेगा !

भावेश जी सादर नमस्कार

आपका कहना बिलकुल सही है. भाजपा बुरी तरह से कन्फ्यूज हो चुकी है....उसके नेताओं में जैसे के डर सा बैठ गया है. 
परिचर्चा में अपने विचार देने के लिए धन्यवाद.

भाजपा अपने काबिलियत के नाते सीटें नहीं बचा पाएगी लेकिन कांग्रेस की बुरी नीतियों का फायदा जरूर उठाएगी और सीटे बरकरार रखेगी !!

बिलकुल एक संभावना ये भी है सूर्या जी.  अपने विचार देने के लिए धन्यवाद.

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