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Ashok Kumar Raktale's Discussions (6,365)

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"आदरणीय अजय गुप्ता जी सादर, प्रदत्त चित्र को छंद-छंद परिभाषित किया है आपने. हार्दिक ब…"

Ashok Kumar Raktale replied Jun 22 to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168

48 Jun 23
Reply by Saurabh Pandey

"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार योग के लाभ बताते सुन्दर कुण्डलिय…"

Ashok Kumar Raktale replied Jun 22 to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168

48 Jun 23
Reply by Saurabh Pandey

"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्र पर आपने सुन्दर कुण्डलिया छंद…"

Ashok Kumar Raktale replied Jun 22 to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168

48 Jun 23
Reply by Saurabh Pandey

"आदरणीय सुरेश कल्याण जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार दोनों ही कुण्डलिया छंद आपने सुन्दर…"

Ashok Kumar Raktale replied Jun 22 to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168

48 Jun 23
Reply by Saurabh Pandey

"सिखलाया जाए अगर, बचपन से ही योग। तो  जीवनभर  व्यक्ति  से, दूर  रहेंगे  रोग।।...मात्र…"

Ashok Kumar Raktale replied Jun 22 to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 168

48 Jun 23
Reply by Saurabh Pandey

"  दतिया - भोपाल किसी मार्ग से आएँ छह घंटे तो लगना ही है. शुभ यात्रा. सादर "

Ashok Kumar Raktale replied May 18 to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167

103 May 18
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"पानी भी अब प्यास से, बन बैठा अनजान।आज गले में फंस गया, जैसे रेगिस्तान।।......वाह ! व…"

Ashok Kumar Raktale replied May 18 to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167

103 May 18
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"सादा शीतल जल पियें, लिम्का कोला छोड़। गर्मी का कुछ है नहीं, इससे अच्छा तोड़।।......स…"

Ashok Kumar Raktale replied May 18 to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167

103 May 18
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"  तू जो मनमौजी अगर, मैं भी मन का मोर  आ रे सूरज देख लें, किसमें कितना जोर .....वाह…"

Ashok Kumar Raktale replied May 18 to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167

103 May 18
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"  तुम हिम को करते तरल, तुम लाते बरसात तुम से हीं गति ले रहीं, मानसून की वात......सूर…"

Ashok Kumar Raktale replied May 18 to 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167

103 May 18
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

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"सुविचारित सुंदर आलेख "
Saturday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
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Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
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