For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Nazeel's Discussions (199)

Discussions Replied To (167) Replies Latest Activity

प्रधान संपादक

"ओ. बी. ओ  स्थापना दिवस पर सब को हार्दिक शुभकामनाये । सभी गुनीजनो को अगुवाई में  हमको…"

Nazeel replied Apr 1, 2015 to ओबीओ की पाँचवीं वर्षगांठ पर : दो शब्द

48 Apr 6, 2015
Reply by VIRENDER VEER MEHTA

"आदरणीय गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी, सुन्दर रचना केलिए हर्दिक बधाई।"

Nazeel replied Mar 27, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-57

709 Mar 29, 2015
Reply by Saurabh Pandey

"आदरणीया निधि  जी,  सुन्दर रचना के लिए  ढेरों मुबारकबाद। "

Nazeel replied Mar 27, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-57

709 Mar 29, 2015
Reply by Saurabh Pandey

"आदरणीय नीलेश भाई जी  खूबसूरत ग़ज़ल के लिए ढेरों मुबारकबाद। .... शुरू से अंत तक बहुत  ह…"

Nazeel replied Mar 27, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-57

709 Mar 29, 2015
Reply by Saurabh Pandey

"आदरणीया राजेश कुमारी जी बहुत अच्छी रचना  लिए दिली  दाद क़ुबूल करे.....  बहुत समय बाद…"

Nazeel replied Mar 27, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-57

709 Mar 29, 2015
Reply by Saurabh Pandey

"///ताउम्र दौड़ता तू पसे शान* तो गया दौलत मिली मगर तेरा ईमान तो गया/// बहुत खूब आदरणी…"

Nazeel replied Mar 27, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-57

709 Mar 29, 2015
Reply by Saurabh Pandey

"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी सुन्दर रचना ...दिली दाद क़ुबूल करे। … शुरू से अंत तक सब बेमि…"

Nazeel replied Mar 27, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-57

709 Mar 29, 2015
Reply by Saurabh Pandey

"आदरणीय दिनेश भाई जी सुन्दर रचना दिली दाद क़ुबूल करे। … ///पाँचों समय नमाज़ का पैमान तो…"

Nazeel replied Mar 27, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-57

709 Mar 29, 2015
Reply by Saurabh Pandey

"आदरणीय  समर कबीर  जी सुन्दर रचना दिली दाद क़ुबूल करे। … ///ऐसी हवा चली थी कि मेरे वतन…"

Nazeel replied Mar 27, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-57

709 Mar 29, 2015
Reply by Saurabh Pandey

"आदरणीय मिथिलेश भाई जी बहुत अच्छी रचना  हार्दिक बधाई। "

Nazeel replied Mar 27, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-57

709 Mar 29, 2015
Reply by Saurabh Pandey

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। परिवर्तन के बाद गजल निखर गयी है हार्दिक बधाई।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। सार्थक टिप्पणियों से भी बहुत कुछ जानने सीखने को…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गीत का प्रयास अच्छा हुआ है। पर भाई रवि जी की बातों से सहमत हूँ।…"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

अच्छा लगता है गम को तन्हाई मेंमिलना आकर तू हमको तन्हाई में।१।*दीप तले क्यों बैठ गया साथी आकर क्या…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। यह रदीफ कई महीनो से दिमाग…"
yesterday
PHOOL SINGH posted a blog post

यथार्थवाद और जीवन

यथार्थवाद और जीवनवास्तविक होना स्वाभाविक और प्रशंसनीय है, परंतु जरूरत से अधिक वास्तविकता अक्सर…See More
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"शुक्रिया आदरणीय। कसावट हमेशा आवश्यक नहीं। अनावश्यक अथवा दोहराए गए शब्द या भाव या वाक्य या वाक्यांश…"
Monday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी।"
Monday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"परिवार के विघटन  उसके कारणों और परिणामों पर आपकी कलम अच्छी चली है आदरणीया रक्षित सिंह जी…"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन।सुंदर और समसामयिक लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Monday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। प्रदत्त विषय को एक दिलचस्प आयाम देते हुए इस उम्दा कथानक और रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीया…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service