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Sushil Sarna's Discussions (1,408)

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"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव  जी रचना पर आपकी आत्मीय   प्रशंसा का  हार्दिक आभार।  "

Sushil Sarna replied Dec 12, 2014 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" गोल्डन जुबली अंक

494 Dec 14, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"आदरणीय Ashok Kumar Raktale जी रचना पर आपकी ऊर्जावान  प्रशंसा से सृजन को नया बल  मिला…"

Sushil Sarna replied Dec 12, 2014 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" गोल्डन जुबली अंक

494 Dec 14, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"आदरणीय योगराज प्रभाकर जी रचना पर आपकी स्नेहिल प्रशंसा से सृजन को जो मान मिला है उसके…"

Sushil Sarna replied Dec 12, 2014 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" गोल्डन जुबली अंक

494 Dec 14, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"आजादी के पावन पर्व परतिरंगा हम फहराते हैंमर मिटने को देश पे यारो लाखों कसमें खाते है…"

Sushil Sarna replied Dec 12, 2014 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" गोल्डन जुबली अंक

494 Dec 14, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"आदरणीय सौरभ जी, आपको जन्म दिन की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ।"परमपिता परमेश्वर से प्र…"

Sushil Sarna replied Dec 3, 2014 to खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

3552 Sep 14, 2024
Reply by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

"हे उड्डयन अभिलाषी !एक बार बंधकर तो देखोउस बंधन मेंजिसे कहते है प्यारजहाँ अंतस से झरत…"

Sushil Sarna replied Nov 15, 2014 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक - 49

463 Nov 15, 2014
Reply by वेदिका

"आदरणीय Hari Prakash Dubey jee प्रदत विषय पर बहुत ही सुंदर मनोभावों को समेटे सुंदर शब…"

Sushil Sarna replied Nov 15, 2014 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक - 49

463 Nov 15, 2014
Reply by वेदिका

"कैसे छूटूँ इस बन्धन से, ढूँढे सत्य निदान।टूटेगें सब बन्ध एक दिन, कर हरि का गुनगान।।……"

Sushil Sarna replied Nov 15, 2014 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक - 49

463 Nov 15, 2014
Reply by वेदिका

"आदरणीय योगराज प्रभाकर जी रचना पर आपकी आत्मीय  प्रशंसा का हार्दिक आभार। "

Sushil Sarna replied Nov 15, 2014 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक - 49

463 Nov 15, 2014
Reply by वेदिका

"आदरणीय डॉ गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी रचना पर आपकी प्रेरक प्रशंसा का हार्दिक आभार। "

Sushil Sarna replied Nov 15, 2014 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक - 49

463 Nov 15, 2014
Reply by वेदिका

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अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)
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22 hours ago
Jaihind Raipuri is now a member of Open Books Online
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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ashok Kumar Raktale's blog post ठहरा यह जीवन
"आदरणीय अशोक भाईजी,आपकी गीत-प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाइयाँ  एक एकाकी-जीवन का बहुत ही मार्मिक…"
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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
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