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"फूल सूखा उठा के वो बोलेतेरी उल्फ़त की इन्तहा है यह l......वाह ! आदरणीय तस्दीक़ एहमद…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 27, 2022 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-147

439 Sep 28, 2022
Reply by Samar kabeer

"लोग बेमौत रोज मरते हैं अब कहाँ ख़ास मुद्दआ है ये.......वाह ! सही कहा है.आदरणीय अनि…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 27, 2022 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-147

439 Sep 28, 2022
Reply by Samar kabeer

"बोल देता है कुछ कड़क हम कोदिल का लेकिन बहुत भला है ये।२।..........वाह ! आदरणीय भाई लक…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 27, 2022 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-147

439 Sep 28, 2022
Reply by Samar kabeer

"रात दिन मुझको वो रुलाते हैंक्या जफ़ा होगी जब वफ़ा है ये...........बहुत खूब. आदरणीय महे…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 27, 2022 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-147

439 Sep 28, 2022
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय संजय शुक्ला जी सादर, अच्छी ग़ज़ल हुई है आपकी. गिरह भी अच्छी लगाई है आपने.बहुत ब…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 27, 2022 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-147

439 Sep 28, 2022
Reply by Samar kabeer

"ये ओबीओ की परिपाटी तो नहीं है ?...अच्छे रचनाकार तैयार करने के ओबीओ के लक्ष्य को पूरा…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 27, 2022 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-147

439 Sep 28, 2022
Reply by Samar kabeer

"  आदरणीय मनन कुमार सिंह जी सादर, अच्छी ग़ज़ल हुई है आपकी. समर साहब की सलाह अनुसार कुछ…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 27, 2022 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-147

439 Sep 28, 2022
Reply by Samar kabeer

"सहरा सहरा भटक रहे हो जो दिल लगाने का ही सिला है ये....वाह ! आदरणीय रवि भसीन 'शाहिद'…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 27, 2022 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-147

439 Sep 28, 2022
Reply by Samar kabeer

"2122 1212 22/112   दिल नहीं है कोई दुआ है ये हर किसी प्रेमी का पता है ये   दिल ज़रा प…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 27, 2022 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-147

439 Sep 28, 2022
Reply by Samar kabeer

"  आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, प्रस्तुत रचना की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार.…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 18, 2022 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-143

17 Sep 18, 2022
Reply by Ashok Kumar Raktale

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बृजेश कुमार 'ब्रज' posted a blog post

गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा

सार छंद 16,12 पे यति, अंत में गागाअर्थ प्रेम का है इस जग मेंआँसू और जुदाईआह बुरा हो कृष्ण…See More
9 hours ago
Deepak Kumar Goyal is now a member of Open Books Online
9 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. बृजेश जी "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
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"ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहेदुश्मनी हम से हमारे यार भी करते रहे....वाह वाह आदरणीय नीलेश…"
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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (कुर्ता मगर है आज भी झीना किसान का)
"आदरणीय अजय जी किसानों के संघर्ष को चित्रित करती एक बेहतरीन ग़ज़ल के लिए बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं…"
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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आदरणीय नीलेश जी एक और खूबसूरत ग़ज़ल से रूबरू करवाने के लिए आपका आभार।    हरेक शेर…"
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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय भंडारी जी बहुत ही खूब ग़ज़ल कही है सादर बधाई। दूसरे शेर के ऊला को ऐसे कहें तो "समय की धार…"
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बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय रवि शुक्ला जी रचना पटल पे आपका हार्दिक अभिनन्दन और आभार। लॉगिन पासवर्ड भूल जाने के कारण इतनी…"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"जी, ऐसा ही होता है हर प्रतिभागी के साथ। अच्छा अनुभव रहा आज की गोष्ठी का भी।"
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अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-122 (विषय मुक्त)
"अनेक-अनेक आभार आदरणीय शेख़ उस्मानी जी। आप सब के सान्निध्य में रहते हुए आप सब से जब ऐसे उत्साहवर्धक…"
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