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Ashok Kumar Raktale's Discussions (6,371)

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"लटका टूटा कान लिये कप बुझा रही गौरइया प्यास वहीं पुराने टब में पसरे मनीप्लाण्ट में ज़…"

Ashok Kumar Raktale replied Mar 11, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"अन्धकार अज्ञान का था साम्राज्य अनूप जीव मुक्त भव से हुआ मिली ज्ञान की धूप.........बह…"

Ashok Kumar Raktale replied Mar 11, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"धूप! ढलने की कगार पर क्षितिज पर अटक गई। बस! पल दो पल में, लील जाएगा सूरज उसे। उम्र!…"

Ashok Kumar Raktale replied Mar 11, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"आप घर से निकल कर ज़रा देखिये शूल जैसी लगे है पवन धूप में..............वाह ! सही कहा ह…"

Ashok Kumar Raktale replied Mar 11, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"आदरणीय गिरिराज भंडारी साहब सादर, बहुत खूब कहा है.अच्छी तुलना है जिसे हम सभी मानते भी…"

Ashok Kumar Raktale replied Mar 11, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"बिलबिला-बिलबिला कर निकल रहे हैं... जहरीले कीड़े मकोड़े जो पल रहे हैं   वर्षों से सियास…"

Ashok Kumar Raktale replied Mar 11, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"दोहे.     जो थी कभी गुलाब वह, लगती आज बबूल | धूप दिनोदिन तीव्र हो , चुभो रही है शूल…"

Ashok Kumar Raktale replied Mar 11, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-65

997 Mar 13, 2016
Reply by नयना(आरती)कानिटकर

"आदरणीय ब्रजेन्द्रनाथ  मिश्रा जी सादर, बहुत सुंदर रचना. बहुत-बहुत बधाई. सादर."

Ashok Kumar Raktale replied Feb 13, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-64

854 Feb 13, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"कोहरे तुम मन की हर उस दीवारसे हट जाओ जो हमें पिघलने से रोकती है| तुम्हारी सर्द बूंदे…"

Ashok Kumar Raktale replied Feb 13, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-64

854 Feb 13, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"तन मन पे पड़ीं किरणें हैं ,साँसों में है महक बटुए में धर कोहरे का धन, धरती रही चहक।..…"

Ashok Kumar Raktale replied Feb 13, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-64

854 Feb 13, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

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Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177
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सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
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