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नयना(आरती)कानिटकर's Discussions (929)

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"गैरज़रूरी ------- डोर बेल के बजते जैसे ही सुनंदा ने दरवाज़ा खोला उसके नथूनों मे शराब…"

नयना(आरती)कानिटकर replied Jan 31, 2017 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-22 (विषय: ढहते क़िले का दर्द)

827 Jan 31, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आ.मिथिलेश जी आपके कहे अनुसार संषोधित करने का प्रयत्न करती हूँ। इस बार सच में वक्त उत…"

नयना(आरती)कानिटकर replied Jan 14, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" डायमण्ड जुबली अंक

970 Jan 15, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आ.मिथिलेश जी इस सार्थक सुंदर गीत के लिए बधाई स्वीकार करे"

नयना(आरती)कानिटकर replied Jan 13, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" डायमण्ड जुबली अंक

970 Jan 15, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

".आदरणीया सीमा मिश्राजी,वाह  और आह निकलती इस  बहुत ही प्रभावशाली अतुकांत कविता के लिए…"

नयना(आरती)कानिटकर replied Jan 13, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" डायमण्ड जुबली अंक

970 Jan 15, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आ. समर कबीर जी आदाब . किसान की वर्तमान हालत पर सुंदर दोहो की रचना के किए बधाई स्वीका…"

नयना(आरती)कानिटकर replied Jan 13, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" डायमण्ड जुबली अंक

970 Jan 15, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आ. मोहम्मद आरिफ़ जी  आदाब एवं त्वरित प्रतिक्रिया के लिए आभार."

नयना(आरती)कानिटकर replied Jan 13, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" डायमण्ड जुबली अंक

970 Jan 15, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

" दोहे------आँख तके नभ की ओर, बाट देखत किसान बरखा कब तुम आ रही ,कब बहरे खलिहान ----१…"

नयना(आरती)कानिटकर replied Jan 13, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" डायमण्ड जुबली अंक

970 Jan 15, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आभार सर , आपको रचना पसंद आई"

नयना(आरती)कानिटकर replied Dec 31, 2016 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-21 (विषय:अँधेरी राहों के मुसाफ़िर)

831 Jan 1, 2017
Reply by योगराज प्रभाकर

" वाह कल्पना अच्छा कथा चुना और अपनी बात कहने मे भी सफ़ल. अंतिम क्षण की  पोस्ट  मे टंकण…"

नयना(आरती)कानिटकर replied Dec 31, 2016 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-21 (विषय:अँधेरी राहों के मुसाफ़िर)

831 Jan 1, 2017
Reply by योगराज प्रभाकर

"आ. चन्द्रेश जी रचना के मर्म तक जाकर इतनी सुंदर और विस्तृत टिप्पणी के लिए आभार आपका."

नयना(आरती)कानिटकर replied Dec 31, 2016 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-21 (विषय:अँधेरी राहों के मुसाफ़िर)

831 Jan 1, 2017
Reply by योगराज प्रभाकर

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"आ. अजय जी इस बहर में लय में अटकाव (चाहे वो शब्दों के संयोजन के कारण हो) खल जाता है.जब टूट चुका…"
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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. सौरभ सर .ग़ज़ल तक आने और उत्साहवर्धन करने का आभार ...//जैसे, समुन्दर को लेकर छोटी-मोटी जगह…"
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"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।  अब हम पर तो पोस्ट…"
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"आ. भाई शिज्जू 'शकूर' जी, सादर अभिवादन। खूबसूरत गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
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Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आदरणीय नीलेश नूर भाई, आपकी प्रस्तुति की रदीफ निराली है. आपने शेरों को खूब निकाला और सँभाला भी है.…"
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हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है पहचान छुपा के जीता है, पहचान में फिर भी आता हैदिल…See More
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"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है हार्दिक बधाई।"
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