For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दुष्यंत सेवक's Discussions (417)

Discussions Replied To (256) Replies Latest Activity

"आये हाय आदरणीय धर्मेन्द्र जी पूरी ही ग़ज़ल एक दम आला दर्जे के खयालातों से लबरेज़ है...…"

दुष्यंत सेवक replied May 29, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - २३ (Now closed with 1126 Replies)

1128 May 30, 2012
Reply by अरुण कुमार निगम

"अरे लाजवाब बात कही है.. जनाब नफीस अंसारी साहब.. बहुत बधाई आपको .."

दुष्यंत सेवक replied May 29, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - २३ (Now closed with 1126 Replies)

1128 May 30, 2012
Reply by अरुण कुमार निगम

"निगम साहब, बेहतरीन ग़ज़ल है... दिली दाद क़ुबूल फरमाएं"

दुष्यंत सेवक replied May 29, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - २३ (Now closed with 1126 Replies)

1128 May 30, 2012
Reply by अरुण कुमार निगम

"वादों के जाल में तेरे हम फंस चुके बहुत,आएँगे तेरी चाल में इस बार हम नहीं;वाह बहुत ही…"

दुष्यंत सेवक replied May 29, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - २३ (Now closed with 1126 Replies)

1128 May 30, 2012
Reply by अरुण कुमार निगम

"है प्यार तो गुनाह यहाँ , रीत है यहीकैसे कहें कि विर्क गुनहगार हम नहीं |वाह वाह मकते…"

दुष्यंत सेवक replied May 29, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - २३ (Now closed with 1126 Replies)

1128 May 30, 2012
Reply by अरुण कुमार निगम

"होंगे तेरे दीवाने कई यार हम नहीं,बाजारे इश्क में सरे बाज़ार हम नहीं लवाह पहला ही शेर…"

दुष्यंत सेवक replied May 29, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - २३ (Now closed with 1126 Replies)

1128 May 30, 2012
Reply by अरुण कुमार निगम

"किश्ती से क्यों उतर रहे यकीन मानिए.साहिल हूँ मान लीजिये, मंझधार हम नहीं.वाह यह शेर ख…"

दुष्यंत सेवक replied May 29, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - २३ (Now closed with 1126 Replies)

1128 May 30, 2012
Reply by अरुण कुमार निगम

"वाह वाह भाई राकेश जी ... आपकी रचना पढ़कर मानस में ओज का संचार हो गया है. बधाई स्वीका…"

दुष्यंत सेवक replied May 29, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - २३ (Now closed with 1126 Replies)

1128 May 30, 2012
Reply by अरुण कुमार निगम

"आलोक सीतापुरी जी की लिखावट ऐसी होती है मानो वो कह रहे हों कि "मित्रों ग़ज़ल इस तरह लिख…"

दुष्यंत सेवक replied May 29, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - २३ (Now closed with 1126 Replies)

1128 May 30, 2012
Reply by अरुण कुमार निगम

"संदीप भाई. आपकी ग़ज़ल पढ़ कर दिल से मज़ा आ गया इसलिए दिली मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं"

दुष्यंत सेवक replied May 29, 2012 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक - २३ (Now closed with 1126 Replies)

1128 May 30, 2012
Reply by अरुण कुमार निगम

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गीत का प्रयास अच्छा हुआ है। पर भाई रवि जी की बातों से सहमत हूँ।…"
10 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

अच्छा लगता है गम को तन्हाई मेंमिलना आकर तू हमको तन्हाई में।१।*दीप तले क्यों बैठ गया साथी आकर क्या…See More
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। यह रदीफ कई महीनो से दिमाग…"
yesterday
PHOOL SINGH posted a blog post

यथार्थवाद और जीवन

यथार्थवाद और जीवनवास्तविक होना स्वाभाविक और प्रशंसनीय है, परंतु जरूरत से अधिक वास्तविकता अक्सर…See More
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"शुक्रिया आदरणीय। कसावट हमेशा आवश्यक नहीं। अनावश्यक अथवा दोहराए गए शब्द या भाव या वाक्य या वाक्यांश…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी।"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"परिवार के विघटन  उसके कारणों और परिणामों पर आपकी कलम अच्छी चली है आदरणीया रक्षित सिंह जी…"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन।सुंदर और समसामयिक लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
Monday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदाब। प्रदत्त विषय को एक दिलचस्प आयाम देते हुए इस उम्दा कथानक और रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीया…"
Monday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"आदरणीय शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी टिप्पणी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। शीर्षक लिखना भूल गया जिसके लिए…"
Monday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"समय _____ "बिना हाथ पाँव धोये अन्दर मत आना। पानी साबुन सब रखा है बाहर और फिर नहा…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service