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MAHIMA SHREE's Discussions (1,151)

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"रात भर का हूँ जगा लंबे सफर से बेदम ख़्वाब की बाँह मे चुपचाप फिसल जाऊँगा... वाह सुंदर…"

MAHIMA SHREE replied Jan 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-43

720 Jan 27, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"फिर तो सदियों बस उसी पल को करोगे तुम याद   दे के सदियाँ मैं तुम्हें, ले के जो पल जाऊ…"

MAHIMA SHREE replied Jan 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-43

720 Jan 27, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"मैं तो बेफिक्र थी, मासूम सा दिल देके तुम्हें। क्या खबर थी कि मैं यूँ, खुद को ही छल ज…"

MAHIMA SHREE replied Jan 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-43

720 Jan 27, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"सोने चाँदी के हजारों से न सींचो मुझको ,मैं ग़रीबों की दुआओं से ही पल जाऊँगा   बंद मुट…"

MAHIMA SHREE replied Jan 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-43

720 Jan 27, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"खेतों की कच्ची मुँडेरों  पे कभी बारिश में संग तितली के बहुत दूर निकल जाऊँगी.... बहुत…"

MAHIMA SHREE replied Jan 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-43

720 Jan 27, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"जाने किस दौर के वो लोग थे जो कहते थे!'ठोखरें खा के मुहब्बत में संभल जाऊंगा'.... वाह…"

MAHIMA SHREE replied Jan 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-43

720 Jan 27, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"बारिशें ग़म से यूँ पुरनम हैं ये राहें मेरी, जो ज़रा देर चलूँगा तो फिसल जाऊँगा। मुझे फू…"

MAHIMA SHREE replied Jan 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-43

720 Jan 27, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"है बहाना ये मेरा गुस्सा, फ़क़त इक पल का तुम अगर प्यार से देखोगे पिघल जाऊँगा |.. बहुत ह…"

MAHIMA SHREE replied Jan 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-43

720 Jan 27, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"मेरे हाथों की लकीरें भी यही कहती है ,ठोकरें खा के मोहब्ब्त में संभल जाउंगा।.... बहुत…"

MAHIMA SHREE replied Jan 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-43

720 Jan 27, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"आपने ख़्वाहिशों को आग दिखाई है, मगर मै भी पत्थर हूँ ,न सोचो कि पिघल जाउंगा   मै ख़ुदा…"

MAHIMA SHREE replied Jan 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-43

720 Jan 27, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

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1 hour ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
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Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
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Tilak Raj Kapoor updated their profile
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
Sunday

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