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"भाई अमित जी! आपकी गज़ल भाव पक्ष की दृष्टि से तो बेहतरीन है ही .........बाकी आदरणीय क…"

Er. Ambarish Srivastava replied Apr 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
Reply by Er. Ambarish Srivastava

"मोहतरमा मुमताज जी ! गज़ल की तारीफ के लिए तहे दिल से शुक्रिया आपका ........"

Er. Ambarish Srivastava replied Apr 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
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"आदरणीय तिलक जी! सही राह दिखाने के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया आपका .... कृपया…"

Er. Ambarish Srivastava replied Apr 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
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"भाई बागी जी ! इस बेहतरीन दाद के लिए आपका तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया ........ खुले…"

Er. Ambarish Srivastava replied Apr 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
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"धन्यवाद वीनस भाई ........."

Er. Ambarish Srivastava replied Apr 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
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"प्रणाम आचार्य जी ! आपका बहुत बहुत आभार ........ करूँ गुरुदेव का वंदन उन्हीं के भाल प…"

Er. Ambarish Srivastava replied Apr 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
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"प्रणाम आदरणीय कपूर साहब! आपने सही कहा! कृपया स्पष्ट रूप से इसे इंगित करें क्योंकि ग़…"

Er. Ambarish Srivastava replied Apr 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
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"धन्यवाद भाई प्रीतम जी !  :))"

Er. Ambarish Srivastava replied Apr 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
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"नहीं भूला वो याराना जो दीवाना भी होता था जला बैठा था खुद ही को जो परवाना भी होता था'…"

Er. Ambarish Srivastava replied Apr 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
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"//दिलों में दफ्न सबके  एक अफसाना भी होता था  हर इक आबाद घर में एक वीराना भी होता था/…"

Er. Ambarish Srivastava replied Apr 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-१० (Now Closed)

267 Apr 25, 2011
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