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rajesh kumari's Discussions (9,804)

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"ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और सराहना पाकर उत्साहित हूँ आ० योगराज जी,दिल से आभार |आपने शायद…"

rajesh kumari replied Jun 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-60

623 Jun 27, 2015
Reply by वीनस केसरी

"आ० डॉ० गोपाल भाई जी ,ग़ज़ल कुछ वक़्त मांग रही है बह्र कहीं कहीं इधर उधर भाग रही है काफि…"

rajesh kumari replied Jun 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-60

623 Jun 27, 2015
Reply by वीनस केसरी

"बहुत खूबसूरत मतला व् दूसरा शेर भी शानदार दिल से दाद कबूलें  देख लेते है ज़रा जब तेरी…"

rajesh kumari replied Jun 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-60

623 Jun 27, 2015
Reply by वीनस केसरी

"विनय कुमार जी ,आपको ग़ज़ल पर प्रयास करते देख कर अच्छा लगता है आप मात्राओं को गिन कर लि…"

rajesh kumari replied Jun 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-60

623 Jun 27, 2015
Reply by वीनस केसरी

"उन के लहजे पे यकीं था तो परखते क्यूँ कर मलमली कपड़ों के अस्तर नहीं देखे जाते.---बहुत…"

rajesh kumari replied Jun 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-60

623 Jun 27, 2015
Reply by वीनस केसरी

"दिनेश कुमार जी ,आपकी स्नेहसिक्त प्रतिक्रिया हेतु तहे दिल से आभार.शुभकामनायें  "

rajesh kumari replied Jun 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-60

623 Jun 27, 2015
Reply by वीनस केसरी

"आदरणीय समर भाई जी ,तारीफ के लिए शब्द कम पड़ रहे हैं लाजबाब ग़ज़ल कही है आपने हर शेर जिं…"

rajesh kumari replied Jun 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-60

623 Jun 27, 2015
Reply by वीनस केसरी

"माहो ख़ुर्शीद ज़मी पर नहीं देखे जाते हक़ ज़मीनी कभी  उड़ कर नहीं देखे जाते ---लाजबाब मतला…"

rajesh kumari replied Jun 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-60

623 Jun 27, 2015
Reply by वीनस केसरी

"बहुत खूब उम्दा "

rajesh kumari replied Jun 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-60

623 Jun 27, 2015
Reply by वीनस केसरी

"सामना मौत से पल-पल हो अगरचे मंजूर गैर की बांह में दिलबर नहीं देखे जाते----वाह्ह्ह क्…"

rajesh kumari replied Jun 26, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-60

623 Jun 27, 2015
Reply by वीनस केसरी

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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
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दोहा पंचक. . . शृंगार

दोहा पंचक. . . . शृंगारबात हुई कुछ इस तरह,  उनसे मेरी यार ।सिरहाने खामोशियाँ, टूटी सौ- सौ बार…See More
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।प्रदत्त विषय पर सुन्दर प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई।"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
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