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satish mapatpuri's Discussions (1,788)

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"सुंदर हाइकु से शानदार आगाज़ ..... बधाई आदरणीय "

satish mapatpuri replied Jun 16, 2018 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-92

275 Jun 17, 2018
Reply by ASHISH SHRIVASTAVA

"आपकी सराहना से संबल मिला है आदरणीय समर साहेब ..... आपने सही फ़रमाया है आदरणीय ... सा…"

satish mapatpuri replied Jun 16, 2018 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-92

275 Jun 17, 2018
Reply by ASHISH SHRIVASTAVA

"शुक्रिया आदरणीया नीलम जी ..... नमन ।"

satish mapatpuri replied Jun 16, 2018 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-92

275 Jun 17, 2018
Reply by ASHISH SHRIVASTAVA

"हौसला अफजाई के लिए आभारी हूँ आदरणीय राणा साहेब .... नमन ।"

satish mapatpuri replied Jun 16, 2018 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-92

275 Jun 17, 2018
Reply by ASHISH SHRIVASTAVA

"आपने सराहा .... मेरा श्रम सार्थक हुआ .... सादर नमन आदरणीय धामी साहेब ।"

satish mapatpuri replied Jun 16, 2018 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-92

275 Jun 17, 2018
Reply by ASHISH SHRIVASTAVA

"आपकी स्नेहिल सराहना से उत्साहवर्धन हुआ है आदरणीय .... सादर नमन ।"

satish mapatpuri replied Jun 16, 2018 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-92

275 Jun 17, 2018
Reply by ASHISH SHRIVASTAVA

"आपकी स्नेहिल प्रतिक्रिया से अभिभूत हूँ आदरणीया प्रतिभा जी .... नमन "

satish mapatpuri replied Jun 16, 2018 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-92

275 Jun 17, 2018
Reply by ASHISH SHRIVASTAVA

"आभार संग नमन आदरणीय "

satish mapatpuri replied Jun 16, 2018 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-92

275 Jun 17, 2018
Reply by ASHISH SHRIVASTAVA

"  गीत ज़िन्दगी का रूप है धूप और छाँव सा । थोड़ी सी शांति बहुत काँव - काँव सा । जाड़े…"

satish mapatpuri replied Jun 16, 2018 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-92

275 Jun 17, 2018
Reply by ASHISH SHRIVASTAVA

"आभार सँग नमन सर ।"

satish mapatpuri replied Mar 10, 2018 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-89

393 Mar 10, 2018
Reply by Samar kabeer

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सदस्य टीम प्रबंधन
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"बहुत सुंदर ग़ज़ल ... सभी अशआर अच्छे हैं और रदीफ़ भी बेहद सुंदर  बधाई सृजन पर "
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"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। परिवर्तन के बाद गजल निखर गयी है हार्दिक बधाई।"
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"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। सार्थक टिप्पणियों से भी बहुत कुछ जानने सीखने को…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गीत का प्रयास अच्छा हुआ है। पर भाई रवि जी की बातों से सहमत हूँ।…"
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घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

अच्छा लगता है गम को तन्हाई मेंमिलना आकर तू हमको तन्हाई में।१।*दीप तले क्यों बैठ गया साथी आकर क्या…See More
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
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PHOOL SINGH posted a blog post

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यथार्थवाद और जीवनवास्तविक होना स्वाभाविक और प्रशंसनीय है, परंतु जरूरत से अधिक वास्तविकता अक्सर…See More
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"शुक्रिया आदरणीय। कसावट हमेशा आवश्यक नहीं। अनावश्यक अथवा दोहराए गए शब्द या भाव या वाक्य या वाक्यांश…"
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