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"एक तरफ नित रौशनी, तिमिर दूसरी ओर।माँ जब खोले आँख तब, होती जग में भोर।1।वाह आदरणीय धा…"

Sushil Sarna replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

"तुम्हीं से जगत के हैं सारे उजालेयदि कोई चाहे तो जीवन सजा ले बहुत खूब आदरणीय डॉ. गोपा…"

Sushil Sarna replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

"सभी दिशाएं रौशन होंगी, फैलेगा उजियाराजब तक होगा शेष जगत में, मानव भाईचारा, वाह आदरणी…"

Sushil Sarna replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

"गोरी ,कुँवारी ,कजरारी आँखेंकजरौटा रहित ,उदास-सी आँखेंदिन - रात ,उनकी आस लियेअब चिता-…"

Sushil Sarna replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

"मेरा तारीक दिल कब ख़ुद बख़ुद ही जगमगाया है ।तसव्वुर में मेरे कोई उजाला बन के आया है ।उ…"

Sushil Sarna replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

"अनन्त यात्रा के बीच विश्राम का आभास।कृष्ण, महावीर और दयानन्द नेकार्तिक के अंध को ,सु…"

Sushil Sarna replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

"आग, दीपक, लालटेन सेएल.ई.डी. होती ज़िन्दगी।नीली-पीली, नारंगी सेसफ़ेद, झक्क सफ़ेद होती…"

Sushil Sarna replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

"बावजूद रोशनी केदिखाई नहीं देती.... चीज़ेंजब तक हटाया न जाएआँखों से पर्दा …. बहुत खूब…"

Sushil Sarna replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

"अद्भुत मनोरमलगता आकाश।स्याही पे बिखरास्वर्णिम प्रकाश।। "मानो नीली साड़ी पर हुई स्वर्ण…"

Sushil Sarna replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

"थे मशाल बन राह दिखाते धूमिल उन रिश्तों का मान दौड़ लगी जुगनू के पीछे ,भूले सब प्रकाश…"

Sushil Sarna replied May 14, 2016 to "ओ.बी.ओ. लाइव महा उत्सव" अंक-67

620 May 15, 2016
Reply by Samar kabeer

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"आ. भाई सालिक जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
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"सतरंगी दोहेः विमर्श रत विद्वान हैं, खूंटों बँधे सियार । पाल रहे वो नक्सली, गाँव, शहर लाचार…"
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रामबली गुप्ता commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
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रामबली गुप्ता commented on सालिक गणवीर's blog post ग़ज़ल ..और कितना बता दे टालूँ मैं...
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"दोहों पर बढियाँ प्रयास हुआ है भाई लक्ष्मण जी। बधाई लीजिये"
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रामबली गुप्ता commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - गुण
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रामबली गुप्ता commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (ग़ज़ल में ऐब रखता हूँ...)
"आदरणीय समर भाई साहब को समर्पित बहुत ही सुंदर ग़ज़ल लिखी है आपने भाई साहब।हार्दिक बधाई लीजिये।"
yesterday
रामबली गुप्ता commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . संबंध
"आहा क्या कहने भाई जी बढ़ते संबंध विच्छेदों पर सभी दोहे सुगढ़ और सुंदर हुए हैं। बधाई लीजिये।"
yesterday

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