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Ashok Kumar Raktale's Discussions (6,391)

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"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रदत्त विषय पर बहुत ही खूबसूरत गजल कही है आपने. शे…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 9, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-83

154 Sep 10, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"दोहे   सत्तामद पाकर बना, देशभक्त ले मान | देशभक्ति उन्माद में, होता फर्क सुजान ||  …"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 9, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-83

154 Sep 10, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"वाह ! उन्माद के पीछे के कारण को बताता सरसी छंद आधारित सुंदर गीत रचा है आपने आदरणीया…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 8, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-83

154 Sep 10, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"जो कोई उन्माद करे तो,सजा मिले उसको तत्काल हवालात की हवा खिलाएं,नित करता जो बहुत बवाल…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 8, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-83

154 Sep 10, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय डॉ. टी आर शुक्ल साहब सादर, सच है कोई भी लक्ष्य हासिल करने का उन्माद अन्य सभी…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 8, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-83

154 Sep 10, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"कैसा उन्माद बे क़ाबू मँहगाई नेता ख़ामोश........वाह ! बहुत खूब. आदरणीय तस्दीक एहमद खान…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 8, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-83

154 Sep 10, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"वाह ! वाह ! बहुत सुंदर तरीके से चोका के साथ छक्का जड़ दिया है आपने. प्रदत्त विषय पूरी…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 8, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-83

154 Sep 10, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बेबातों के तीर चलाते वैसों की तादाद बहुत है।2.........वाह ! सही है. आदरणीय मनन कुमा…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 8, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-83

154 Sep 10, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"जुनूने इश्क़ में पत्थर तो मैं ने खाए मगर निगाहे यार में मुझ को उठा गया उन्माद |.....…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 8, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-83

154 Sep 10, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"गलियों को देख जहां सोये है लोग सताए जाकर। उनके लिए उम्मीदों के छत का तू एक वितान खड़ा…"

Ashok Kumar Raktale replied Sep 8, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-83

154 Sep 10, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

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दियनवा जरा के बुझावल ना जाला पिरितिया बढ़ा के घटावल ना जाला नजरिया मिलावल भइल आज माहुर खटाई भइल आज…See More
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
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सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
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Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . शृंगार

दोहा पंचक. . . . शृंगारबात हुई कुछ इस तरह,  उनसे मेरी यार ।सिरहाने खामोशियाँ, टूटी सौ- सौ बार…See More
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।प्रदत्त विषय पर सुन्दर प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई।"
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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"बीते तो फिर बीत कर, पल छिन हुए अतीत जो है अपने बीच का, वह जायेगा बीत जीवन की गति बावरी, अकसर दिखी…"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
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Ravi Shukla commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
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