For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

MAHIMA SHREE's Discussions (1,151)

Discussions Replied To (928) Replies Latest Activity

"मिला है चाँद यूं तनहा फलक पर अभी मैं चाँद से बतिया रहा हूँ... बधाई प्रेषित है  आपको…"

MAHIMA SHREE replied Jul 29, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-37(Now closed with 1027 replies)

1027 Jul 30, 2013
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"आदरणीय लक्ष्मण सर जी ... बेहतरीन गज़ल प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें"

MAHIMA SHREE replied Jul 29, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-37(Now closed with 1027 replies)

1027 Jul 30, 2013
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"मैं भीतर से ज़रा बच्चा रहा हूँ तभी तो सच का मैं चेहरा रहा हूँ बियाबाँ और भी हैं इस ड…"

MAHIMA SHREE replied Jul 29, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-37(Now closed with 1027 replies)

1027 Jul 30, 2013
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"हताशा की गुफाओं में प्रकंपितमैं बरबस चीखता सा गा रहा हूँ। ग़ज़ल हूँ मैं, तरन्नुम है…"

MAHIMA SHREE replied Jul 29, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-37(Now closed with 1027 replies)

1027 Jul 30, 2013
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"कि तन्हा हो के भी तन्हा नही मै   तेरी यादों से दिल बहला रहा हूँ   नही आसान फिर से इश…"

MAHIMA SHREE replied Jul 29, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-37(Now closed with 1027 replies)

1027 Jul 30, 2013
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"कहां बैठा हुआ कातिल अभी तक, यहॉं बैठे हुए उकता रहा हूं।   चला आ आज फिर तेरी कसम है,…"

MAHIMA SHREE replied Jul 29, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-37(Now closed with 1027 replies)

1027 Jul 30, 2013
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"सच हूँ! कोई तारीख़ उठा देखो,        हर सूली पे मैं ही चढ़ा रहा हूँ।.... क्या बात है ..…"

MAHIMA SHREE replied Jul 29, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-37(Now closed with 1027 replies)

1027 Jul 30, 2013
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"मुनाफा तुममें डॉलर सा हुआ है, रुपैया सा मैं लुढ़का जा रहा हूँ,... हा हा बहुत खूब आदरण…"

MAHIMA SHREE replied Jul 29, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-37(Now closed with 1027 replies)

1027 Jul 30, 2013
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"न जाने क्यों छलक जातीं हैं आँखें मैं तप कर भी बहुत कच्चा रहा हूँ बहुत ही खुबसूरत गज़ल…"

MAHIMA SHREE replied Jul 29, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-37(Now closed with 1027 replies)

1027 Jul 30, 2013
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"फिज़ाओं में यहाँ रंगत अजब सी भ्रमर सा फूल पर मॅंडरा रहा हूँ   मधुर संगीत सा है इस हव…"

MAHIMA SHREE replied Jul 28, 2013 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-37(Now closed with 1027 replies)

1027 Jul 30, 2013
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Sunday
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Friday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
Friday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service