For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

munish tanha's Discussions (683)

Discussions Replied To (683) Replies Latest Activity

"आदरणीय समर साहिब की कमी खल रही है फोन पर मालूम हुआ उनकी ग़ज़ल तैयार थी वो पोस्ट करने व…"

munish tanha replied Dec 24, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-78

563 Dec 24, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"                      ग़ज़ल तुमसे हमको प्यार हुआ तो देख बहाने याद आए जो दिल पे सीधे…"

munish tanha replied Dec 23, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-78

563 Dec 24, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"ग़ज़लहर तरफ चलती कतार हैजुल्म को खलती कतार है इक अजब सा शोर हर तरफ खून से पलती कतार है…"

munish tanha replied Dec 9, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-74

765 Dec 11, 2016
Reply by Saurabh Pandey

"पागल हो बादशाह वजीरों की क्या मजाल। खामोश ताकता हाँ  बेचारा वतन तमाम।। वाह ! बधाई स्…"

munish tanha replied Nov 26, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-77

320 Nov 27, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"वो चाँद मेरा आता है जो ईद के ही दिनदुनिया के उसने सीख लिए हैं चलन तमाम समर साहिब की…"

munish tanha replied Nov 26, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-77

320 Nov 27, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बेरोक घर मे घुस गईं पश्चिम की सभ्यता कमज़ोर तो नहीं थे हमारे जतन तमाम  ?   सुंदर ग़ज़ल…"

munish tanha replied Nov 26, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-77

320 Nov 27, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"मुर्दा समझ-के तुझको कहीं नोच ही न लें मँडरा रहे हैं सर पे जो ज़ाग़ ओ ज़ग़न तमाम सुंद…"

munish tanha replied Nov 26, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-77

320 Nov 27, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"उसके जमाल का ये असर देखिये जरा''बेहोश इक नज़र में हुई अंजुमन तमाम''।। सुंदर ग़ज़ल बधाई…"

munish tanha replied Nov 26, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-77

320 Nov 27, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"उसने चली जो चाल के कायल हुए सभी पश्चिम के भी बड़े बड़े विकसित वतन तमाम    बहुत बढ़िया ग़…"

munish tanha replied Nov 26, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-77

320 Nov 27, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"नीला है आसमान जमीं सब्ज सार है   दुनिया के रंग हैं उसी के पैरहन तमाम सुंदर भाव बधाई…"

munish tanha replied Nov 26, 2016 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-77

320 Nov 27, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Nov 2
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Nov 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Oct 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Oct 31
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
Oct 31
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
Oct 31

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
Oct 31

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
Oct 31

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
Oct 31

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service