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munish tanha's Discussions (683)

Discussions Replied To (683) Replies Latest Activity

"                      गाँव गाँव कंक्रीट में, बदल दिए हैं आज| काली काली चिमनियाँ,करती…"

munish tanha replied Nov 12, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-73

672 Nov 12, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"                              खूब पटाखे फोड़ अब,खूब मचाले शोर| क्या डरना जब हो गई ,श्…"

munish tanha replied Nov 12, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-73

672 Nov 12, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"दिल्ली जा अब जाग,करो न भागमभाग,लगी प्रदूषण आग,हम सब पर यह दाग।      सुन्दर रचना के ल…"

munish tanha replied Nov 12, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-73

672 Nov 12, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"राम के एतिहासिक वन से घर आने पर तुम फोड़ते रहो बम ! और, आनन्द मनाओ गूॅंजी हुई ध्वनियो…"

munish tanha replied Nov 12, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-73

672 Nov 12, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"    हमारे पाप कब से ज़मी ये ढो रही है  सुन्दर रचना के लिए बधाई स्वीकार करें "

munish tanha replied Nov 12, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-73

672 Nov 12, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

" आग लगी है धूलि भरी है धुंध चतुर्दिक छायी हैप्राण-वायु में कर्क रोग ने ऐसे पाँव पसार…"

munish tanha replied Nov 12, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-73

672 Nov 12, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"                                  बाढ़ हर साल आती है ,ढेरों गन्दगी बहा ले जाती है ,फ…"

munish tanha replied Nov 12, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-73

672 Nov 12, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"                                समझे नहीं इंसान अब तक, अब तो समझना पडेगा वरना बहुत द…"

munish tanha replied Nov 12, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-73

672 Nov 12, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"                          धूल ही बस धूल फैलीआँख को हैं धो रहे हम।...................…"

munish tanha replied Nov 12, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-73

672 Nov 12, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

"                          //ऊपर से सुंदर दिखे, अंदर से बीमार दिल्ली सह ना पा रही, आब…"

munish tanha replied Nov 12, 2016 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-73

672 Nov 12, 2016
Reply by मिथिलेश वामनकर

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Dr.Prachi Singh commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"सुविचारित सुंदर आलेख "
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत सुंदर ग़ज़ल ... सभी अशआर अच्छे हैं और रदीफ़ भी बेहद सुंदर  बधाई सृजन पर "
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। परिवर्तन के बाद गजल निखर गयी है हार्दिक बधाई।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। सार्थक टिप्पणियों से भी बहुत कुछ जानने सीखने को…"
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"आ. भाई बृजेश जी, सादर अभिवादन। गीत का प्रयास अच्छा हुआ है। पर भाई रवि जी की बातों से सहमत हूँ।…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

अच्छा लगता है गम को तन्हाई मेंमिलना आकर तू हमको तन्हाई में।१।*दीप तले क्यों बैठ गया साथी आकर क्या…See More
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post कहते हो बात रोज ही आँखें तरेर कर-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। यह रदीफ कई महीनो से दिमाग…"
Tuesday
PHOOL SINGH posted a blog post

यथार्थवाद और जीवन

यथार्थवाद और जीवनवास्तविक होना स्वाभाविक और प्रशंसनीय है, परंतु जरूरत से अधिक वास्तविकता अक्सर…See More
Tuesday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"शुक्रिया आदरणीय। कसावट हमेशा आवश्यक नहीं। अनावश्यक अथवा दोहराए गए शब्द या भाव या वाक्य या वाक्यांश…"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी।"
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pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-123 (जय/पराजय)
"परिवार के विघटन  उसके कारणों और परिणामों पर आपकी कलम अच्छी चली है आदरणीया रक्षित सिंह जी…"
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