For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Ashok Kumar Raktale's Discussions (6,391)

Discussions Replied To (3547) Replies Latest Activity

"पैबंद सी हैं महलों के चाहे लिबास पर अपने वुजूद के लिए लड़ती हैं झुग्गियाँ.........वाह…"

Ashok Kumar Raktale replied Feb 11, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-76

878 Feb 11, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"ओस की बूंदों में ठिठुरती जिन्दगी बारिस में टपर-टपर टपकती लू के थपेड़ों को सहन करती म…"

Ashok Kumar Raktale replied Feb 11, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-76

878 Feb 11, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय सतविन्द्र कुमार जी सादर, वाह ! वाह ! बहुत सुंदर और भावपूर्ण नवगीत रचा है आपने…"

Ashok Kumar Raktale replied Feb 11, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-76

878 Feb 11, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय वासुदेव अग्रवाल जी सादर, प्रदत्त विषय पर बहुत सुन्दर गीत हुआ है. बहुत-बहुत बध…"

Ashok Kumar Raktale replied Feb 11, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-76

878 Feb 11, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बस अभावों का बसेरा नित जहाँ होता रहा पर सुखों के वास्ते अपवाद  होती झुग्गियाँ।3।....…"

Ashok Kumar Raktale replied Feb 11, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-76

878 Feb 11, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"न झरोखा कहीं न कहीं खिड़कियाँ. है हवा में फकत बस धुआँ ही धुआँ. खाँसती झुग्गियाँ, हाँफ…"

Ashok Kumar Raktale replied Feb 11, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-76

878 Feb 11, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीया प्रतिभा पांडे जी सादर, प्रदत्त विषय को यह एक अलग ही भाव आपने दिया है. बहुत स…"

Ashok Kumar Raktale replied Feb 11, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-76

878 Feb 11, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"भूख सताये हरदिन इनको, रहते ये बीमार सुविधाओं से वंचित रहते, दीन हीन इन्सान |........…"

Ashok Kumar Raktale replied Feb 11, 2017 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-76

878 Feb 11, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय गिरिराज भंडारी साहब सादर, बहुत खूबसूरत गजल हुई है. सभी अशआर बढ़िया कहे हैं. बह…"

Ashok Kumar Raktale replied Jan 27, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-79

652 Jan 28, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

"हो गई अपनी ग़ज़ल,अब देखना ये है "समर" ओबीओ के पाठकों पर क्या असर होने को है ?.........…"

Ashok Kumar Raktale replied Jan 27, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-79

652 Jan 28, 2017
Reply by मिथिलेश वामनकर

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . शृंगार

दोहा पंचक. . . . शृंगारबात हुई कुछ इस तरह,  उनसे मेरी यार ।सिरहाने खामोशियाँ, टूटी सौ- सौ बार…See More
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।प्रदत्त विषय पर सुन्दर प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"बीते तो फिर बीत कर, पल छिन हुए अतीत जो है अपने बीच का, वह जायेगा बीत जीवन की गति बावरी, अकसर दिखी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"वो भी क्या दिन थे,  ओ यारा, ओ भी क्या दिन थे। ख़बर भोर की घड़ियों से भी पहले मुर्गा…"
Sunday
Ravi Shukla commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज जी एक अच्छी गजल आपने पेश की है इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई आदरणीय मिथिलेश जी ने…"
Sunday
Ravi Shukla commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश जी सबसे पहले तो इस उम्दा गजल के लिए आपको मैं शेर दर शेरों बधाई देता हूं आदरणीय सौरभ…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service