For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

धर्मेन्द्र शर्मा's Discussions (2,538)

Discussions Replied To (1706) Replies Latest Activity

"हा हा हा हा हा ....आपकी मुस्कान और अल्हड़ हंसी ने तो समां ही बाँध दिया आदरणीय सौरभ ज…"

धर्मेन्द्र शर्मा replied Dec 9, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक १४ (Now Closed with 730 Replies)

730 Dec 11, 2011
Reply by satish mapatpuri

"आदरणीय प्रभाकर जी दा जवाब नहीं !!!!"

धर्मेन्द्र शर्मा replied Dec 9, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक १४ (Now Closed with 730 Replies)

730 Dec 11, 2011
Reply by satish mapatpuri

"वाह आदरणीय सौरभ जी, गज़ब की हाइकू फिट की है आपने आदरणीय प्रभाकर जी के लिए."

धर्मेन्द्र शर्मा replied Dec 9, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक १४ (Now Closed with 730 Replies)

730 Dec 11, 2011
Reply by satish mapatpuri

"भाई अम्बरीश, आदरणीय प्रधान सम्पादक महोदय श्री श्री गिरधारी सम्प्रदाय के महा-महंत भी…"

धर्मेन्द्र शर्मा replied Dec 9, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक १४ (Now Closed with 730 Replies)

730 Dec 11, 2011
Reply by satish mapatpuri

"बहुत सही कहा आदरणीय सौरभ जी...मिले सुर मेरा तुम्हारा...."

धर्मेन्द्र शर्मा replied Dec 9, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक १४ (Now Closed with 730 Replies)

730 Dec 11, 2011
Reply by satish mapatpuri

"ये आपका सहृदय स्नेह है अम्बरीश भाई...सकारात्मक ऊर्जा तो हम सभी में है, तभी इस मंच पर…"

धर्मेन्द्र शर्मा replied Dec 9, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक १४ (Now Closed with 730 Replies)

730 Dec 11, 2011
Reply by satish mapatpuri

"तपती धूप में नव-पल्लव सी आती है, आशा है, चुप रह कर सब कह जाती है . जब भी पथ से भटके,…"

धर्मेन्द्र शर्मा replied Dec 8, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक १४ (Now Closed with 730 Replies)

730 Dec 11, 2011
Reply by satish mapatpuri

"आदरणीया मंजुला जी, ये रचना भी बहुत ही सुन्दर बन पड़ी है. हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिये"

धर्मेन्द्र शर्मा replied Dec 8, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक १४ (Now Closed with 730 Replies)

730 Dec 11, 2011
Reply by satish mapatpuri

"आदरणीया मंजुला जी, बहुत सशक्त और प्रभावी कविता कही आपने..ये पंक्तियाँ तो दिल की गहरा…"

धर्मेन्द्र शर्मा replied Dec 8, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक १४ (Now Closed with 730 Replies)

730 Dec 11, 2011
Reply by satish mapatpuri

"आदरणीय अरुण जी, बहुत सुन्दर कविता...बिटिया के इर्द-गिर्द बुनी गयी ये रचना भी एक नन्ह…"

धर्मेन्द्र शर्मा replied Dec 8, 2011 to "OBO लाइव महा उत्सव" अंक १४ (Now Closed with 730 Replies)

730 Dec 11, 2011
Reply by satish mapatpuri

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"अच्छी ग़ज़ल कही ऋचा जी। रदीफ़ की कठिनता ग़ज़लकार से और अधिक समय और मेहनत चाहती है। सभी मिसरो को और…"
13 minutes ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"सुलगता रहा इक शरर धीरे धीरेजलाता रहा वो ये घर धीरे धीरे// अच्छा मतला !! अन्य अशआर भी  अच्छे…"
21 minutes ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"ये दुनिया है दरिया उतर धीरे धीरे चला जा इधर से उधर धीरे धीरे वो नज़रें झुकाए अगर धीरे धीरे उतर ही न…"
1 hour ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"निखर जायेंगे कम हुनर धीरे-धीरेअच्छा कहा अजेय जी         "
2 hours ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"नमस्कार आभार आपने ग़ज़ल पर चर्चा की।  पहुंचे नहीं पहुंचें लिखा है अर्थात पहुंचेंगे। फिर भी…"
2 hours ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण जी    "
2 hours ago
Poonam Matia replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"जी "
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"बहा ले न जाए सँभल तेज़ धाराजहाँ उठ रहा है भँवर धीरे-धीरे।२। आपकी ही की बात और सरल शब्दों में तुझे…"
2 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"हुआ आदमी जानवर धीरे-धीरे   जहाँ हो गया चिड़ियाघर धीरे-धीरे  लगा मानने…"
3 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"गिरह के शेर में 'जहाँ जल्दबाज़ी में पहुँचे थे कल तुम' कहना सहज होता।  रदीफ़ क़ाफ़िया…"
3 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180
"जहां हम मिले थे, जहां से चले थे चलो वापसी उस डगर धीरे धीरे कहन की पूर्णता के लिये वाक्य रचना की…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन।उत्तम गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service