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Sushil Sarna's Discussions (1,408)

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"बहे पसीना जून महीना निकले सूरज ताने सीना डर से उसके सड़कें सूनी अंधड़ लू के, मुश्किल ज…"

Sushil Sarna replied Jun 12, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-56

338 Jun 14, 2015
Reply by Saurabh Pandey

"मिला मेरी लौ को तेरी रौशनी में “चराग़-ए-सहर हूँ बुझा चाहता हूँ.” … बहुत खूब … इस दिलक…"

Sushil Sarna replied May 22, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-59

680 May 23, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"न गरजे , जो बरसे घटा चाहता हूँमै सह्रा को भी अब हरा चाहता हूँबहुत ही सुंदर ग़ज़ल हुई ह…"

Sushil Sarna replied May 22, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-59

680 May 23, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"वाह क्या बात कह गए -तू मेरे लिए है ख़ुदा से भी बढ़करमैं तेरी रज़ा में रज़ा चाहता हूँ शा…"

Sushil Sarna replied May 22, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-59

680 May 23, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी शानदार तरही ग़ज़ल का हर शे'र एक अलग महक रखता है। इस खूबसूरत प…"

Sushil Sarna replied May 22, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-59

680 May 23, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"आदरणीय लक्ष्मण रामानुज लडीवाला जी सृजन में निहित भावों पर आपकी सहमति के  लिए आपका  त…"

Sushil Sarna replied May 9, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-55

925 May 10, 2015
Reply by जितेन्द्र पस्टारिया

"आदरणीय सौरभ  जी सृजन में निहित भावों को आपके समर्थन ने जो मान दिया उसके लिए आपके तहे…"

Sushil Sarna replied May 9, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-55

925 May 10, 2015
Reply by जितेन्द्र पस्टारिया

"आदरणीय अखिलेश  जी सृजन में निहित भावों को आपके समर्थन का हार्दिक आभार। "

Sushil Sarna replied May 9, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-55

925 May 10, 2015
Reply by जितेन्द्र पस्टारिया

"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी उपस्थिति ने जो उसका मान बढ़ाया है उसके लिए आपका…"

Sushil Sarna replied May 9, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-55

925 May 10, 2015
Reply by जितेन्द्र पस्टारिया

"आदरणीय मोहन सेठी  जी सृजन पर आपकी मधुर प्रशंसा का हार्दिक आभार। "

Sushil Sarna replied May 9, 2015 to "ओ बी ओ लाइव महाउत्सव" अंक-55

925 May 10, 2015
Reply by जितेन्द्र पस्टारिया

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"आदरणीय रवि शुक्ला जी रचना की विस्तृत समीक्षा के लिए आपका हार्दिक अभिनन्दन और आभार व्यक्त करता हूँ।…"
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"आ. बृजेश जी मुझे गीतों की समझ कम है इसलिए मेरी टिप्पणी को अन्यथा न लीजियेगा.कृष्ण से पहले भी…"
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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. रवि जी,ग़ज़ल तक आने और उत्साह वर्धन का धन्यवाद ..ऐ पर आपसे सहमत हूँ ..कुछ सोचता हूँ…"
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आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
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