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मोहन बेगोवाल's Discussions (1,044)

Discussions Replied To (1044) Replies Latest Activity

"कैसा अनुभव( लघुकथा)वैसे भी देर से मैं थ्रिविलर में बैठा कुछ अजीब-सा महसूस कर रहा था।…"

मोहन बेगोवाल replied Mar 31, 2023 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-96 (विषय: अनुभव)

14 Mar 31, 2023
Reply by Sheikh Shahzad Usmani

"  आज जब सुबह मैं सैर कर रहा था , तब इक आवाज़ मेरे कानों से टकराई ,साहिब जी नमस्कार ।…"

मोहन बेगोवाल replied Aug 31, 2021 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-77

65 Aug 31, 2021
Reply by अजय गुप्ता 'अजेय

"   आदरनीय अजेय जी , समाजिक तब्दीली कि शुरुआत इतनी जल्दी नहीं होती , जब होती है , ये…"

मोहन बेगोवाल replied Aug 31, 2021 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-77

65 Aug 31, 2021
Reply by अजय गुप्ता 'अजेय

"       आदरनीया  रचना जी , अगर  बदलते समाज के साथ  हम नहीं बदलते तो , मुझे लगता है ,…"

मोहन बेगोवाल replied Aug 31, 2021 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-77

65 Aug 31, 2021
Reply by अजय गुप्ता 'अजेय

"  आदरनीय विनय जी , लघुकथा के अंत में जो कहा गया , व्ही सच है , हमारी मन की हालत ही इ…"

मोहन बेगोवाल replied Aug 31, 2021 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-77

65 Aug 31, 2021
Reply by अजय गुप्ता 'अजेय

"      आदरनीय मनन जी, मुझे लगता है , हम इक दुसरे से खुल कर बात करना भूलते जा रहे हैं …"

मोहन बेगोवाल replied Aug 31, 2021 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-77

65 Aug 31, 2021
Reply by अजय गुप्ता 'अजेय

" आदरणीय  तेजवीर जी , हम घरों में कैसी ज़िन्दगी जी रहें , अब तो समझ से बाहर हो रहा है…"

मोहन बेगोवाल replied Aug 31, 2021 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-77

65 Aug 31, 2021
Reply by अजय गुप्ता 'अजेय

"    कीमत सुबह सैर कर रहा था, इक आवाज़ मेरे कानों से टकराई, साहिब जी नमस्कार। उस ने आ…"

मोहन बेगोवाल replied Aug 30, 2021 to "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-77

65 Aug 31, 2021
Reply by अजय गुप्ता 'अजेय

"सर जी , बहुत शुक्रिया "

मोहन बेगोवाल replied Aug 28, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-134

243 Aug 28, 2021
Reply by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

"      ये आँखे क्यूं हैं वो बेताब देखने के लिए ।अगर ये घर मेरे महताब देखने के लिए ।…"

मोहन बेगोवाल replied Aug 28, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-134

243 Aug 28, 2021
Reply by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी

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Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. सौरभ सर,यह ग़ज़ल तरही ग़ज़ल के साथ ही हो गयी थी लेकिन एक ही रचना भेजने के नियम के चलते यहाँ…"
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"साथियों से मिले सुझावों के मद्दे-नज़र ग़ज़ल में परिवर्तन किया है। कृपया देखिएगा।  बड़े अनोखे…"
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"धन्यवाद आ. अजय जी ...जिस्म और रूह के सम्बन्ध में रूह को किसलिए तैयार किया जाता है यह ज़रा सा फ़लसफ़ा…"
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"मुशायरे की ही भाँति अच्छी ग़ज़ल हुई है भाई नीलेश जी। मतला बहुत अच्छा लगा। अन्य शेर भी शानदार हुए…"
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Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post उस मुसाफिर के पाँव मत बाँधो - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति के लिए धन्यवाद और बधाइयाँ.  वैसे, कुछ मिसरों को लेकर…"
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"हार्दिक आभार आदरणीय रवि शुक्ला जी। आपकी और नीलेश जी की बातों का संज्ञान लेकर ग़ज़ल में सुधार का…"
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अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)
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