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Gajendra shrotriya's Discussions (500)

Discussions Replied To (500) Replies Latest Activity

"सादर प्रणाम🙏 आदरणीय चेतन प्रकाश जी ! अच्छे दोहों के साथ आयोजन में सहभागी बने हैं आप।…"

Gajendra shrotriya replied Aug 10 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

5 Aug 10
Reply by Gajendra shrotriya

"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी ! सादर अभिवादन 🙏 बहुत ही अच्छे और सारगर्भित दोहे कहे आपने।  /…"

Gajendra shrotriya replied Aug 10 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

5 Aug 10
Reply by Gajendra shrotriya

"इस कठिन ज़मीन पर अच्छे अशआर निकाले सर आपने। मैं तो केवल चार शेर ही कह पाया हूँ अब तक।…"

Gajendra shrotriya replied Jun 28 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

71 Jun 28
Reply by Tilak Raj Kapoor

"अच्छे मिसरे बाँधे हैं अजय जी। परन्तु थोड़ा सा और तराशा जाए तो सभी अशआर और ज़ियादा चमकन…"

Gajendra shrotriya replied Jun 27 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

71 Jun 28
Reply by Tilak Raj Kapoor

"सजावट से रौनक बढ़ेगी भले हीबनेगा मकाँ  से  ये  घर धीरे धीरे// अच्छा शेर है! अच्छे ख़या…"

Gajendra shrotriya replied Jun 27 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

71 Jun 28
Reply by Tilak Raj Kapoor

"अच्छी ग़ज़ल कही ऋचा जी। रदीफ़ की कठिनता ग़ज़लकार से और अधिक समय और मेहनत चाहती है। सभी मि…"

Gajendra shrotriya replied Jun 27 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

71 Jun 28
Reply by Tilak Raj Kapoor

"सुलगता रहा इक शरर धीरे धीरेजलाता रहा वो ये घर धीरे धीरे// अच्छा मतला !! अन्य अशआर भी…"

Gajendra shrotriya replied Jun 27 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

71 Jun 28
Reply by Tilak Raj Kapoor

"आपके पूर्वाग्रह-रहित, सहजता से दिए गए मूल्यवान सुझाव किसी भी सच्चे   रचनाकर्मी को अन…"

Gajendra shrotriya replied May 25 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179

210 May 25
Reply by Gajendra shrotriya

"हार्दिक आभार आदरणीय।"

Gajendra shrotriya replied May 25 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179

210 May 25
Reply by Gajendra shrotriya

"जो कुछ इस मंच से सीखा है, लिया है, उसका अंश मात्र भी लौटा सकूं तो स्वयं को धन्य मानू…"

Gajendra shrotriya replied May 25 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179

210 May 25
Reply by Gajendra shrotriya

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212/212/212/212 **** केश जब तब घटा के खुले रात भर ठोस पत्थर  हुए   बुलबुले  रात भर।। * देख…See More
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"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपने इस प्रस्तुति को वास्तव में आवश्यक समय दिया है. हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार…"
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Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 170 in the group चित्र से काव्य तक
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