For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ओबीओ साहित्यिक मासिक संगोष्ठी भोपाल चैप्टर नवम्बर 2017

दिनांक 18 नवम्बर 2017 को ओबीओ साहित्यिक मासिक संगोष्ठी का आयोजन नरेश मेहता हाल, हिंदी भवन भोपाल में किया गया। संगोष्ठी श्री ज़हीर क़ुरैशी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। मुख्य अतिथि एवं विष्ट अतिथि के रूप में आदरणीय सौरभ पाण्डेयजी एवं आदरणीय तिलकराज कपूर जी मंचासीन हुए। कार्यक्रम का सञ्चालन आदरणीय अशोक व्यग्र जी ने किया। 

कार्यक्रम का आरम्भ माँ सरस्वती के माल्यार्पण से हुआ। इसके पश्चात् आदरणीय बलराम धाकड़ जी ने अपनी ग़ज़लों से समां बांध दिया-

 

वो मुखौटा है असल चेहरा नहीं

और मुखौटों पर यहाँ पहरा नहीं

 

आदरणीया सीमा पांडे मिश्रा ने दोहे प्रस्तुत किए-

पहले जंगल छिन गए, फिर सूरज की धूप।

ऊँचे भवन इमारतें, यही नगर का रूप।।

 

आदरणीय हरिओम श्रीवास्तव जी ने दुमदार दोहे, कुंडलिया छंद और सार छंद सुनाए-

 

गांधी के भारत का सपना, कैसे होगा पूरा।

देखा था जो राष्ट्रपिता ने, अब तक रहा अधूरा।।

 

आदरणीया रक्षा दुबे जी ने स्त्री विमर्श की अतुकांत कविता प्रस्तुत कर वाहवाही लूटी तथा आदरणीय अशोक व्यग्रजी ने कुकुभ छंद में रचना सुनाई-

 

शब्द हैं विश्रृंखलित सब, छंद हर स्वच्छंद है।

भाव हैं कुंठित ह्रदय के, ले ह्रदय की मंद है।।

 

मुझ नाचीज को भी अपने दोहे सुनाने का अवसर मिला-

 

केवल देखे आपने,  मेरे शब्द अधीर।

मैंने भोगी है मगर, अक्षर-अक्षर पीर।।

 

दानिश जयपुरी ने अपनी ग़ज़ल गज़लें सुनाई-

 

बज़्म-ए-सुखन में दर्द के पैमाने मिलेंगे,

बख्शे हुए जख्मों के परवाने मिलेंगे।

 

आदरणीय विमल कुमार शर्मा जी ने अपनी कवितायेँ सुनाई। वहीँ विशिष्ट अतिथि आदरणीय तिलकराज कपूर जी ने अपनी ग़ज़लों से श्रोताओं को मुग्ध कर दिया-

 

छांटकर मासूम दिल ये जहर जहनों में भरे

मज़हबी रंगत की ये जहरीली हवाएँ देखिये

 

आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी ने अपने गज़लें सुनाई-

 

आओ चेहरा चढ़ा लिया जाये

और मासूम-सा दिखा जाये

 

केतली फिर चढ़ा के चूल्हे पर

चाय नुकसान है, कहा जाये

 

कार्यक्रम के अध्यक्ष आदरणीय जहीर कुरैशी जी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन पश्चात् अपनी ग़ज़लों से आयोजन को नईं ऊचाईयाँ प्रदान की-

ये तो सच है कि रात काली है

जुगनुओं ने मुहीम संभाली है

 

कार्यक्रम का समापन मेरे आभार प्रदर्शन और चाय-बिस्किट के साथ हुआ। 

समाचार पत्रों में आयोजन :-

नोट - इस ख़बर में प्रकाशित चित्र किसी दुसरे आयोजन का है|

Views: 465

Reply to This

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"धन्यवाद आ. गुरप्रीत भाई. आपसे शिक़ायत यह है कि हमें आपकी ग़ज़लें पढ़ने को नहीं मिल रही…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. समर सर की इस्लाह से तक़ाबुल ए रदीफ़ दूर हो गया है.शेर अब यूँ पढ़ा जाए .कड़कना बर्क़ का चर्बा…"
1 hour ago
Gurpreet Singh jammu replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"वाह वाह वाह आदरणीय निलेश सर, बहुत समय बाद आपकी अपने अंदाज़ वाली ग़ज़ल पढ़ने को मिली। सारी ग़ज़ल…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. लक्ष्मण जी,वैसे तो आ. तिलकराज सर ने विस्तार से बातें लिखीं हैं फिर भी मैं थोड़ी गुस्ताखी करना…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"शुक्रिया आदरणीय लक्ष्मण धामी जी"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"बहुत शुक्रिया आदरणीय तिलकराज कपूर जी, मैं सुधारने की कोशिश करता हूँ।"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय निलेश जी फिलबदी है, कल आपकी ग़ज़ल में टिप्पणी के बाद लिखा है।"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आ. शिज्जू भाई,जल्दबाज़ी में मतले को परिवर्तित करने के चलते अभी संभावनाएं बन रही हैं कि समय के साथ…"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"धन्यवाद आ. तिलकराज सर,आपकी विस्तृत टिप्पणी ने संबल मिला है.मैं स्वयं के अशआर को बहुत कड़ी परीक्षा से…"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"धन्यवाद आ. लक्षमण धामी जी "
3 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"श्रद्धेय श्री तिलक राज कपूर जी, आप नाचीज़ की ग़ज़ल तक  पहुँचे, आपका अतिशय आभार, …"
3 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion र"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-185
"आदरणीय भाई लक्ष्मण सिंह 'मुसाफिर' ग़ज़ल तक आप आये और अपना बहुमूल्य समय दिया, आपका आभारी…"
3 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service