आने को वसंत है ,
हाथ में पतंग है
भीड़ में उमंग है ,
जीवन में तरंग है
क्या बच्चे, बूढ़े क्या जवान
डोरी थामे निहारे आसमान
रंग -बिरंगी पतंग हमारी
बच्चों की किलकारी न्यारी
डोरी पतंग की कैसी देखो साथ ?
अलग होने पर क्या है विसात ?
हाय री पतंग कुछ हमें भी सिखा दे
जड़ से जुड़ने का गुर भी सिखा दे
विश्वास ,सम्बन्धो का डोर बढ़ा दे
लक्ष्य पाने का पंख भी लगा दे
कभी ढील कभी कसाब सिखा दे
सुख और दुःख में हँसना सिखा दे
मुश्किलों में भी बढ़ना सिखा दे
डोर के बल पर उड़ना सिखा दे
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