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भारतीय छंद विधान Discussions (68)

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कामरूप छंद // --सौरभ

आज हम कामरूप छंद पर चर्चा करते हैं. इसे वैताल छंद के नाम से भी जाना जाता है.   यह 26 मात्राओं के चार पदों का छंद है.  दो-दो पदों पर तुकान्त…

Started by Saurabh Pandey

14 Jun 18
Reply by मिथिलेश वामनकर

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वीर छंद या आल्हा छंद

वीर छंद दो पदों के चार चरणों में रचा जाता है जिसमें यति १६-१५ मात्रा पर नियत होती है. छंद में विषम चरण का अंत गुरु (ऽ) या लघुलघु (।।) या लघ…

Started by Saurabh Pandey

5 Jun 18
Reply by मिथिलेश वामनकर

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उल्लाला छन्द // --सौरभ

हम दोहा के नियमों को अच्छी तरह से देख-समझ चुके हैं जोकि अर्द्धसममात्रिक छन्द है. इसके विषम चरण में 13 मात्राएँ होती हैं जबकि इसके सम चरण की…

Started by Saurabh Pandey

13 Jun 18
Reply by मिथिलेश वामनकर

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शक्ति छन्द के मूलभूत सिद्धांत // --सौरभ

चार पदों तथा दो-दो पदान्तता वाले शक्ति छन्द में प्रति पद कुल अट्ठारह मात्राएँ होती हैं. छन्द परम्परा के अनुसार - १. इस छन्द में पद का प्रा…

Started by Saurabh Pandey

10 Jun 18
Reply by मिथिलेश वामनकर

तोमर छंद

तोमर छंद (परिभाषा ) तोमर छंद एक मात्रिक छन्द है जिसके प्रत्येक चरण में १२ मात्राएँ होती हैं |  पहले और दुसरे चरण के अन्त में तुक होता है, औ…

Started by Er. Ambarish Srivastava

6 Jun 18
Reply by मिथिलेश वामनकर

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हरिगीतिका छन्द के मूलभूत सिद्धांत // --सौरभ

इस पाठ में हम हरिगीतिका छन्द पर चर्चा करने जा रहे हैं. यह अवश्य है कि हरिगीतिका छन्द के विधान पर पहले भी चर्चा हुई है. लेकिन प्रस्तुत आलेख…

Started by Saurabh Pandey

25 Jun 18
Reply by मिथिलेश वामनकर

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गीतिका छंद

इस छंद के नाम पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. कारण कि, इसीसे मिलते-जुलते नाम का एक और छंद हरिगीतिका भी एक सुप्रसिद्ध छंद है. हम यहाँ ग…

Started by Saurabh Pandey

17 Jun 18
Reply by मिथिलेश वामनकर

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कुण्डलिया छंद : मूलभूत नियम

  कुण्डलिया एक विशिष्ट छंद है. यह वस्तुतः दो छंदों का युग्म रूप है. जिसमें पहला छंद दोहा, तो दूसरा छंद रोला होता है. यानि एक दोहा के दो पदो…

Started by Saurabh Pandey

9 Jun 18
Reply by मिथिलेश वामनकर

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चौपाई : मूलभूत नियम

  प्रति चरण सोलह-सोलह मात्राओं का ऐसा छंद है जिसके कुल चार चरण होते हैं. यानि प्रत्येक चरण में सोलह मात्रायें होती हैं. चौपाई के दो चरणों क…

Started by Saurabh Pandey

22 Jun 18
Reply by मिथिलेश वामनकर

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रोला छंद : मूलभूत नियम

  रोला छंद भी मात्रिक छंद ही है. रोला छंद के चार पद और आठ चरण होते हैं. लेकिन इसका मात्रिक विधान दोहे के विधान का करीब-करीब विपरीत होता है.…

Started by Saurabh Pandey

3 Jun 18
Reply by मिथिलेश वामनकर

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अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी छंद ++++++++++++++++++   देवों की है कर्म भूमि, भारत है धर्म भूमि, शिक्षा अपनी…"
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"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
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Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post रोला छंद. . . .
"आदरणीय जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी"
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।"
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"आदरणीय जी सृजन पर आपके मार्गदर्शन का दिल से आभार । सर आपसे अनुरोध है कि जिन भरती शब्दों का आपने…"
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Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को मान देने एवं समीक्षा का दिल से आभार । मार्गदर्शन का दिल से…"
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Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
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Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"बंधुवर, नमस्कार ! क्षमा करें, आप ओ बी ओ पर वरिष्ठ रचनाकार हैं, किंतु मेरी व्यक्तिगत रूप से आपसे…"
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Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"बंधु, लघु कविता सूक्ष्म काव्य विवरण नहीं, सूत्र काव्य होता है, उदाहरण दूँ तो कह सकता हूँ, रचनाकार…"
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