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Neeta Saini's Discussions (238)

Discussions Replied To (11) Replies Latest Activity

"सादर नमन आदरणीय ,बहुत सालो बाद कुछ लिखना शुरू किया है धीरे धीरे फिर से परिचित हो रही…"

Neeta Saini replied Dec 18, 2015 to "ओबीओ चित्र से काव्य तक’ छंदोत्सव" अंक- 56

636 Dec 19, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"हार्दिक आभार आपका आदरणीया सादर नमन ।"

Neeta Saini replied Dec 18, 2015 to "ओबीओ चित्र से काव्य तक’ छंदोत्सव" अंक- 56

636 Dec 19, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"वाह बहुत सार्थक रचनाऐं आपकी स्वर्ग नर्क है पर यहीं यह कैसे समझाए सद्कर्मो का प्रतिफल…"

Neeta Saini replied Dec 18, 2015 to "ओबीओ चित्र से काव्य तक’ छंदोत्सव" अंक- 56

636 Dec 19, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"छन्न पकैया छन्न पकैया ,मैली होती गंगा अलकनंदा शिव की खो गई कराहती है नंदा.. बहुत अच्…"

Neeta Saini replied Dec 18, 2015 to "ओबीओ चित्र से काव्य तक’ छंदोत्सव" अंक- 56

636 Dec 19, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"पवित्र नदियों की दुर्दशा पर बहुत बढ़िया दोहे लिखे है आदरणीय बधाई आपको .. सादर नमन ।"

Neeta Saini replied Dec 18, 2015 to "ओबीओ चित्र से काव्य तक’ छंदोत्सव" अंक- 56

636 Dec 19, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बधाई आपको बढ़िया दोहों के लिए ..सादर"

Neeta Saini replied Dec 18, 2015 to "ओबीओ चित्र से काव्य तक’ छंदोत्सव" अंक- 56

636 Dec 19, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बहुत बढ़िया दोहे गंगा घाट का चित्र सजीव हो गया ..बधाई आपको ..सादर ।"

Neeta Saini replied Dec 18, 2015 to "ओबीओ चित्र से काव्य तक’ छंदोत्सव" अंक- 56

636 Dec 19, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"गंगा व गंगा स्नान से हमारी श्रद्धा जरूर जुडी है , लेकिन क्या सच में वो जुडी है जो हो…"

Neeta Saini replied Dec 18, 2015 to "ओबीओ चित्र से काव्य तक’ छंदोत्सव" अंक- 56

636 Dec 19, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"चित्रानुसार पूरे मेले का वर्णन बहुत ही सुन्दर छंदों में ..बहुत ही कमाल कर दिया ,आदरण…"

Neeta Saini replied Dec 18, 2015 to "ओबीओ चित्र से काव्य तक’ छंदोत्सव" अंक- 56

636 Dec 19, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

"बहुत बढ़िया आपकी छन्न पकैया ..घर बैठे ही स्नान हो गए गंगा मैया । बहुत खूब .. बधाई आपक…"

Neeta Saini replied Dec 18, 2015 to "ओबीओ चित्र से काव्य तक’ छंदोत्सव" अंक- 56

636 Dec 19, 2015
Reply by मिथिलेश वामनकर

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"आदरणीय सुशील सरना जी बहुत बढ़िया दोहा लेखन किया है आपने। हार्दिक बधाई स्वीकार करें। बहुत बहुत…"
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Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .सागर
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"अच्छे दोहें हुए, आ. सुशील सरना साहब ! लेकिन तीसरे दोहे के द्वितीय चरण को, "सागर सूना…"
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