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अनहद गुंजन
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अनहद गुंजन's Page

Profile Information

Gender
Female
City State
फरीदाबाद हरियाणा
Native Place
कासगंज

अनहद गुंजन's Blog

*मन मनोरम* छ्न्द में गीत.....

*रोज चौकन्नी रहूँ मै,*

*किन्तु हरजाई न आये |*

*और मेरे मन भवन में,*

*मौन परछाईं न आये |*



खिल रहे थे पुष्प उर में,

साँझ आते ये झरे हैं।

भूल मैं सुधि-बुधि गयी हूँ,

साख उर के ये हरे हैं।

आंख मेरी ये थकी हैं।

लौट तरुणाई न आये।



*रोज चौकन्नी रहूँ मै,*

*किन्तु हरजाई न आये |



चाँदनी बिखरी पड़ी थी,

भर लिया दामन में है।

जब भी पिघले अश्रुजल ये,

चख लिया सावन में है।

वेदना बढ़ती गयी थी,

किन्तु करुणाई न… Continue

Posted on August 17, 2017 at 4:00pm — 5 Comments

श्याम रात श्याम वात श्याम गूँज साथ साथ।

आप सभी मित्रों को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं

श्याम रात श्याम वात श्याम गूँज साथ साथ।
चन्द्रमा प्रकाश लुप्त हाथ को दिखे न हाथ।
गूँजता रहा विहान कृष्ण जश्न गीत गान।
धन्य धन्य देव और धन्य धन्य ये जहान।

टूट बेड़ियां गयीं खुले अवाक जेल द्वार।
कृष्ण जन्म साथ कंस नीच का ढले खुमार
जन्म जश्न गैल गैल ढोल पे उड़े गुलाल।
गोल हैं कपोल गाल नंद के भए गुपाल।

.....अप्रकाशित/मौलिक

Posted on August 16, 2017 at 12:30pm — 3 Comments

विरह गीत

हृदय पटल को तेरी यादें , देती चीर।

आकुल रहता मन ये मेरा, सुन बेपीर।



विस्मित होती आत्ममुग्ध सी, थी ये गूँज।

तुझमें सिमटी रहती थी जो, ये अनुगूँज।

पुलकित हो जाया करती थी, हुई अधीर।

हृदय पटल को तेरी यादें, देती चीर।



सुधियों में कर याद तुझे भर , लेती आह।

हुआ हमें अहसास नही अब, बाकी चाह।

किन्तु नही समझे ये आंखें , भरती नीर।

हृदय पटल को तेरी यादें, देती चीर।



आद्र नयन ये हस भी जाएँ, फिर से देख।

प्रेम पुनः जो अंकित करते, हिय… Continue

Posted on July 23, 2017 at 11:44am

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