For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Anil Makariya
  • Male
  • Maharashtra
  • India
Share on Facebook MySpace

Anil Makariya's Friends

  • Deepalee Thakur

Anil Makariya's Groups

 

Anil Makariya's Page

Latest Activity

Anil Makariya commented on KALPANA BHATT ('रौनक़')'s blog post अंतिम इच्छा (लघुकथा)
"बढ़िया! मानवेत्तर लघुकथा। यह स्पष्ट है कि इस लघुकथा को टाइम देने की जरूरत है। इस लघुकथा को मौजूदा लंबाई से थोड़ा छोटा किया जाना बेहतर होगा, कुछ अनावश्यक संवाद छोटे किये जा सकते हैं अथवा हटाये जा सकते हैं। मेरे विचार से, 'फिर हमेशा के लिए आंखे बंद…"
Sep 13, 2021
Anil Makariya replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-68 (विषय: संकटकाल)
"जिंदा स्मारक "आपका स्वागत है एक नई सुबह नए जिंदादिल शहर में आर जे अर्जुन के साथ। कई लोग मेरे आस-पास मॉर्निंग वॉक को निकले हैं ताकि शुद्ध हवा अपने फेफड़ों में भर सकें।" "ओह! मैडम जी एक सवाल...आपके शहर में यादगार क्या…"
Nov 29, 2020
Anil Makariya and Deepalee Thakur are now friends
Nov 4, 2020
Anil Makariya replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-67 (विषय: तलाश)
"यह लघुकथा उस महिला के बारे में है जिसने घर की चारदीवारी को ही अपनी सीमारेखा मान लिया है। अपनी जीवन संध्या में जब उसे अपनी सीमा रेखा लांघने का मौका मिलता है तब उसे यह महसूस होता है कि वह तो चलना ही भूल चुकी है। यह कमोबेश उसी तरह है, जैसे हमेशा रस्सी…"
Oct 31, 2020
Anil Makariya replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-67 (विषय: तलाश)
"मुश्क "अब यह मेरी आखिरी कुंजी है इस शराबी का प्यार पाने की।" मांस की दुर्गंध से बचने के लिए अपने पल्लू से नाक-मुंह ओढ़ती सुजाता भुनभुनाती हुई बोली । सुजाता अपनी तीन साल पुरानी शादी में पति की शराब की लत से इतनी परेशान नही थी, जितना कि उसकी…"
Oct 30, 2020
Anil Makariya updated their profile
Sep 12, 2020
Anil Makariya is now a member of Open Books Online
Sep 12, 2020

Profile Information

Gender
Male
City State
Jalgaon Maharashtra
Native Place
Jalgaon
Profession
Bussiness
About me
Story Writer

Comment Wall

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

  • No comments yet!
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. सौरभ सर,यह ग़ज़ल तरही ग़ज़ल के साथ ही हो गयी थी लेकिन एक ही रचना भेजने के नियम के चलते यहाँ…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। यह गजल भी बहुत सुंदर हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"आदरणीय नीलेश भाई,  आपकी इस प्रस्तुति के भी शेर अत्यंत प्रभावी बन पड़े हैं. हार्दिक बधाइयाँ…"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"साथियों से मिले सुझावों के मद्दे-नज़र ग़ज़ल में परिवर्तन किया है। कृपया देखिएगा।  बड़े अनोखे…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"धन्यवाद आ. अजय जी ...जिस्म और रूह के सम्बन्ध में रूह को किसलिए तैयार किया जाता है यह ज़रा सा फ़लसफ़ा…"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ज़िन्दगी की रह-गुज़र दुश्वार भी करते रहे
"मुशायरे की ही भाँति अच्छी ग़ज़ल हुई है भाई नीलेश जी। मतला बहुत अच्छा लगा। अन्य शेर भी शानदार हुए…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post उस मुसाफिर के पाँव मत बाँधो - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी प्रस्तुति के लिए धन्यवाद और बधाइयाँ.  वैसे, कुछ मिसरों को लेकर…"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"हार्दिक आभार आदरणीय रवि शुक्ला जी। आपकी और नीलेश जी की बातों का संज्ञान लेकर ग़ज़ल में सुधार का…"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (अलग-अलग अब छत्ते हैं)
"ग़ज़ल पर आने और अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए आभार भाई नीलेश जी"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on अजय गुप्ता 'अजेय's blog post ग़ज़ल (हर रोज़ नया चेहरा अपने, चेहरे पे बशर चिपकाता है)
"अपने प्रेरक शब्दों से उत्साहवर्धन करने के लिए आभार आदरणीय सौरभ जी। आप ने न केवल समालोचनात्मक…"
yesterday
Jaihind Raipuri is now a member of Open Books Online
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service