For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Atul Saxena
Share on Facebook MySpace
  • Feature Blog Posts
  • Discussions (5)
  • Events
  • Groups
  • Photos
  • Photo Albums
  • Videos

Atul Saxena's Friends

  • atul kushwah
 

Atul Saxena's Page

Latest Activity

Atul Saxena replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" हीरक जयंती अंक-75 (विषय मुक्त)
"जी, वो तो लग रहा है। आप सब को पढ़ समझ व सुझावों से  धीरे धीरे   सुधर हो  जाएगा।  इसी आशा से आप सब संग लिखे को यहां साझा करते है  धन्यवाद मित्र  "
Jun 30, 2021
Atul Saxena replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" हीरक जयंती अंक-75 (विषय मुक्त)
"गुड्डो चली गयी है ना जब से चुन्नी डालने लगी थी बिटिया तुम्ही बताओ कभी दाल में घी डाली थी /ऑफिस भी पैदल जाने लगे थे रिक्शा का दो रुपया बच जाता था अच्छे से स्वागत सत्कार किया .. समधियाने से कोई शिकायत नही आई आती भी कैसे देसी घी चुआ रहा था मूंग की दाल…"
Jun 29, 2021
Atul Saxena replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-71
"प्रयास की सराहना के लिए शुक्रिया शहज़ाद भाई  ग्रुप नियमो के विषय में आगे से सावधान रहेंगे "
Feb 28, 2021
Atul Saxena replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-71
"पहली दौड़ घर से स्कूल डेढ़ दो किलोमीटर था और उससे विपरीत था तीन किलोमीटर वर्धमान कॉलेज। छठी में आ गए थे। दीदी साइकिल पर बैठा पहले हमे स्कूल छोड़ती फिर अपने कॉलेज जाती। दीदी की कमर अच्छे से पकड़ उनसे चिपक बैठते फिर भी दीदी जरा जरा दूरी पर मेरा हाथ…"
Feb 27, 2021
Atul Saxena replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" स्वर्ण जयंती अंक-50
"पग्गल   भईया - आवाज़ सुन ठिठक गये।  तीस साल वक़्त इतना भी लम्बा नहीं था कि संतोष भुला जाये ...चारदीवारी पर मुंह टिकाये खड़ी थी वह ...  अरे संतोष - मै हुलस के उसके पास आया - कैसी है तू - भईया वो जंगल जलेबी का पेड़ कट गयाउसकी…"
May 31, 2019

Profile Information

Gender
Male
City State
Delhi
Native Place
Bareilly
Profession
Consultiing Engineer
About me
Nothing

Comment Wall

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

  • No comments yet!
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी प्रदत्त विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी।"
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
10 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . शृंगार

दोहा पंचक. . . . शृंगारबात हुई कुछ इस तरह,  उनसे मेरी यार ।सिरहाने खामोशियाँ, टूटी सौ- सौ बार…See More
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।प्रदत्त विषय पर सुन्दर प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई।"
14 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"बीते तो फिर बीत कर, पल छिन हुए अतीत जो है अपने बीच का, वह जायेगा बीत जीवन की गति बावरी, अकसर दिखी…"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"वो भी क्या दिन थे,  ओ यारा, ओ भी क्या दिन थे। ख़बर भोर की घड़ियों से भी पहले मुर्गा…"
19 hours ago
Ravi Shukla commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय गिरिराज जी एक अच्छी गजल आपने पेश की है इसके लिए आपको बहुत-बहुत बधाई आदरणीय मिथिलेश जी ने…"
23 hours ago
Ravi Shukla commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश जी सबसे पहले तो इस उम्दा गजल के लिए आपको मैं शेर दर शेरों बधाई देता हूं आदरणीय सौरभ…"
23 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service