Posted on January 19, 2014 at 10:54am — 10 Comments
2122 1212 22
तेरी रहमत अगर हुई होती ।
ज़िंदगी आज ज़िंदगी होती ।
आज पत्ते भी सब हरे होते।
गर हवा इस तरफ चली होती।
राह होती नहीं कभी मुश्किल।
साथ तू भी अगर रही होती।
तू अगर राजदां बना होता।
कोई तुहमत नहीं लगी होती।
कारवाँ दूर तक गया होता।
सोच सबकी अगर भली होती।
वो जुदा हो के भी मिला होता।
बात "साहिल" अगर हुई होती।
केतन साहिल
अप्रकाशित और मौखिक
Posted on December 4, 2013 at 10:30pm — 13 Comments
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