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हज़ारों दर्द है दिल में मगर बस तू नही है
हँसी गेसू ,अदा क़ातिल,सभी बेकार है अब
हमें मालूम है इनमें कोई जादू नही है
यक़ीनन हम भुला देगें ज़रा सा ठहर तो जा
हमारा ठीक से दिल पे अभी काबू नही है
उठाया ही नही जाता ग़मो का बोझ हमसे
मगर ऐसा नही है ज़िस्म में बाजू नही है
परेशां हैं हमारे हाल पे सब लोग लेकिन
किसी की आँख में अफ़सोस का आँसू नही है
कभी के मर चुके हैं दोस्तो ये मान लो तुम
ग़नीमत है अभी तक लाश में बदबू नही है