Chamkaye mukh ke daanton ko,
Woh manjan nahi milta,
Sajaye dono ankhon ko ,
Woh anjan nahi milta,
Shobhe haath kalai par,
Woh kangan nahi milta,
Mitaye taap is man ka,
Woh chandan nahi milta.
Sawan me kali ghata chhati to hogi,
Versha ki halki phuhar aati to hogi,
Hai mera chaman nahi, Tere chaman sa,
Jahan har kali muskarati to hogi,
Subah ke garbh me sham chhupa hota hai,
Suru me ant ka anjam chhupa hota hai,
Srijan ke pet me lay (pralay) janm liya karta hai,
Jist (zindag) me maut ka paigham chhupa hota hai.
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मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…