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Zubair Ali 'Tabish'
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  • Arun Sri
 

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Male
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Jalgoan
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Nandurbar
Profession
teacher
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लफ़्ज़ों की ख़ुश्बू कह देगी , हाँ ये ग़ज़ल ताबिश ने लिखी है

Zubair Ali 'Tabish''s Blog

तेरी किताब का तो दिल धड़क रहा होगा (ग़ज़ल)

1212-1122-1212-22    

तमाम उम्र जो ज़ेब-ए-पलक रहा होगा

नज़र से गिर के भी कितना चमक रहा होगा

सफ़र अँधेरों का है, फिर भी इक दिलासा है

कोई चराग़ मेरी राह तक रहा होगा

लिखा है शेर मेरा दरमियानी सफ़हे पर

तेरी किताब का तो दिल धड़क रहा होगा

गुलाबी ख़ुशबुओं की बूँदें बादलों की नहीं

वो छत से गीला दुपट्टा लटक रहा होगा

परिंदे शाम को लौटे तो मुझको याद आया

हमारा साथ भी कुछ शाम तक रहा…

Continue

Posted on September 27, 2014 at 12:00am — 7 Comments

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