For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

sandeep tomar
  • Male
  • delhi
  • India
Share on Facebook MySpace
  • Feature Blog Posts
  • Discussions
  • Events
  • Groups
  • Photos (1)
  • Photo Albums
  • Videos

Sandeep tomar's Friends

  • बृजेश नीरज
  • Pankaj Trivedi
 

sandeep tomar's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
delhi
Native Place
delhi
Profession
teaching
About me
simple man

बिना शीर्षक

(१४ अगस्त को अलीगढ में किसानो पर की गयी बर्बरता पर लिखी गयी कविता )
बिना शीर्षक 

मौत का अर्थ 

 दृश्य का लुप्त हो जाना नहीं है
और अगर तुम
लुप्त हो भी गए तो
मुझे अफ़सोस नहीं
 तुम्हारी गुमसुदगी भी 
एक परचम है
गरीब के हृदय के लिए ;
 
तुम्हारा जाना
एक शाम हो सकता है
की फिर सुबह होगी 
फिर धुँआ उठेगा
फिर आग सुलगेगी 
और बन जाएगी मशाल ,
पथ पर उतरे 
जन सैलाब की/मुठ्ठिया तन जाएँगी 
दुश्मन की छाती पर ;
 
किसान के औजार 
बन जायेंगे हथियार 
गरीब की रोटी की भी होगी
अग्नि परीक्षा 
नंगे बच्चो का शरीर
मिटना ही है तो मिटेगा,पर
बेगार के लिए नहीं 
खुनी सियासत के लिए ;
अनाज पककर होगा लाल
की मजदूर की आँखें स्याह लाल
नारी की चीत्कार की
कहाँ गए उसके लाल;
 
अब पाना होगा जो कि नहीं है
अब खाना होगा जो कि नहीं है
अंधकार के बादल छटेंगे 
अब उजियारा होगा
तुम्हारी मौत व्यर्थ नहीं जाएगी
कि तुम्हारी गुमशुदगी भी
एक परचम है.
मौलिक और अप्रकाशित 

sandeep tomar's Photos

  • Add Photos
  • View All

Comment Wall (2 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 8:20pm on February 22, 2013, बृजेश नीरज said…

आपने मुझे मित्रता योग्य समझा इसके लिए आपका आभार!

At 10:33pm on February 18, 2013, Admin said…

आदरणीय संदीप तोमर जी, आपने संदीप कुमार पटेल की ग़ज़ल पर लिखा कि ......

//ye gajal hai hi nahi fir admin ne ise kaise post karaya? isme kafiya radeef kuch bhi sahi nahi hai//

मैं बताना चाहूँगा कि ओ बी ओ पर सभी सदस्य एक दुसरे से सीखते हैं, आपकी बातों में गूढ़ता नजर आती हैं, आप बहुत ही जानकार लगते हैं, कृपया अपनी बातों को विस्तार दें, हो सकता है एडमिन से भी कोई भूल हुई हो, कृपया यथा शीघ्र |

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
58 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर विस्तृत और मार्गदर्शक टिप्पणी के लिए आभार // कहो आँधियों…"
1 hour ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"कुंडलिया  उजाला गया फैल है,देश में चहुँ ओर अंधे सभी मिलजुल के,खूब मचाएं शोर खूब मचाएं शोर,…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी आपने प्रदत्त विषय पर बहुत बढ़िया गजल कही है। गजल के प्रत्येक शेर पर हार्दिक…"
23 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"गजल**किसी दीप का मन अगर हम गुनेंगेअँधेरों    को   हरने  उजाला …"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई भिथिलेश जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर उत्तम रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"दीपोत्सव क्या निश्चित है हार सदा निर्बोध तमस की? दीप जलाकर जीत ज्ञान की हो जाएगी? क्या इतने भर से…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service