ग़ज़ल - मुहब्बत क्यूँ नहीं करते
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मुहब्बत क्यूँ नहीं करते,
शरारत क्यूँ नहीं करते |
बड़े ही बे - मुरव्वत हो,
अदावत क्यूँ नहीं करते ||
अलग अंदाज है उनका,
बगावत यूँ नहीं करते |
बिखर जाए अगर लाली,
वो हसरत भी नहीं करते ||
बड़े अरमान हैं मेरे,
हिफाज़त भी नहीं करते |
शिकायत लाख है उनको,
मुखालिफ वो नहीं करते ||
भरोसा तोड़ देते हैं,
इबादत…
ContinueAdded by Anita Bhatnagar on January 25, 2023 at 9:30pm — 1 Comment
भाव शून्य हो अंतरपट जब,
पराधीन मन बोल रहा है |
मूक शब्द हैं शुष्क नयन पर,
द्रवित हृदय भी डोल रहा है ||
अस्त व्यस्त हैं कर्म हमारे,
बिगड़े हैं संजोग यहाँ पर |
दो दिन की है बची जिंदगी,
समय पहिया बोल रहा है ||
समय हुआ विपरीत कभी तो,
फिर कोई साथ नहीं होगा |
बढ़ते कदमों को मत रोको,
अवलोकन यूँ डोल रहा है ||
अनिता भटनागर(मौलिक व अप्रकाशित)
Added by Anita Bhatnagar on January 25, 2023 at 9:24am — 1 Comment
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जो ख्वाबों ख़यालों में खोए रहेंगे |
सहर के अँधेरे डराने लगेंगे ||1
बनोगे जो धरती के चाँद सूरज |
तो सातों फ़लक सर झुकाने लगेंगे ||2
मुहब्बत ज़माने से जो बेख़बर है |
बशर देख ताने सुनाने लगेंगे ||3
खुदा की तमन्ना जो करते चलोगे |
फ़लक के सितारे लुभाने लगेंगे ||4
हमें जिंदगी से अदावत मिली है |
इशारे हमें अब डराने लगेंगे ||5
लिखेंगे जुदाई के नगमें कभी जो |
वही तीर बन के सताने लगेंगे…
ContinueAdded by Anita Bhatnagar on January 25, 2023 at 9:00am — 1 Comment
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