2122 1212 22
कौन जीता है कौन हारा है
मौत ने कर दिया इशारा है
कल तलक था बुलंदियो पर वो
आज क़िस्मत ने उसको मारा है
मेरी हिम्मत न टूटने देना
मेरे मौला तेरा सहारा है
माँग लो जो भी माँगना तुमको
सामने टूटता वो तारा है
बेवफ़ाई से हो गया पागल
प्यार को कब मिला किनारा है
छोड़ दो मारते उसे क्यों हो
मुफ़लिसी, वक़्त का वो मारा है
खा के देखूं तो शादी का…
ContinueAdded by Mukesh Verma "Chiragh" on April 28, 2014 at 3:30pm — 10 Comments
221 2121 1221 212
बाज़ारे-इश्क़ सज गया पूरे उफान पर
शीला का नाम चढ़ गया सबकी ज़बान पर
धंधे की बात कीजिए कच्ची कली भी है
क्या कुछ नहीं मिलेगा मेरी इस दुकान पर
मुँह में दबाए पान मियाँ किस तलाश में
रंगीनियाँ भुला भी दो उम्र अब ढलान पर
कूंचे में आए हुस्न का बाज़ार देखने
चोरी से देखते है सभी इक निशान पर
रोज़ आते हैं दीवाने यहाँ गम को बाँटने
करते है वाह-वाह वो घुंघरू की तान…
ContinueAdded by Mukesh Verma "Chiragh" on April 16, 2014 at 5:00pm — 30 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |