दिल में जो मेरे ख़्वाब मुहब्बत के पल गए
इस ज़िन्दगी के सारे मआनी बदल गए
ग़ैरों में इतना दम कहाँ था मात दे सकें
अपने समर के बीच विभीषण निकल गए
आहों का मेरी उन प नहीं कुछ असर हुआ
सुन कर मगर उसे कई पत्थर पिघल गए
उसकी जुदाई में मेरी हालत को देख कर
यमराज के भी भेजे फ़रिश्ते दहल गए
दावा था जिनका साथ निभाएँगे उम्र भर
ग़ुर्बत में जीता देख के रस्ते बदल गए
उसको मैं बेवफ़ाई का दूँ दोष किस…
ContinueAdded by Ajay Kumar on April 11, 2023 at 8:48pm — No Comments
22 22 22 22
जो सच का पैरोकार नहीं
वो काग़ज़ है अख़बार नहीं
बेशक मैं गुल का हार नहीं
पर नफ़रत का भण्डार नहीं
…
ContinueAdded by Ajay Kumar on April 4, 2023 at 9:00pm — 2 Comments
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