For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

          तू है मैं हूँ

तू है मै हूं और साथ मेरी तन्हाई है

क्यूँ कल तू फिर मेरे सपने में आयी है

तेरा इस कदर मेरे सपने में आना

और आकर फिर इस तरह से जाना

मेरा चैन और सुकूंन सब तेरा ले जाना

मेरे सपने में तेरा यूँ आके चले जाना

बिन तेरे ना कुछ भी अब अच्छा लगता है

तेरा यूँ छोड़ के जाना ना अच्छा लगता है

क्यूँ तुझको प्यार मेरा ना सच्चा लगता है

बस तेरे में खो जाना क्यूँ अच्छा लगता है

बिन तेरे ना कुछ भी अब अच्छा लगता है

तेरा यूँ छोड़ के जाना ना अच्छा लगता है

तू है मैं हूँ और साथ मेरी तन्हाई है

क्यूँ कल तू फिर मेरे सपने में आयी है

क्यूँ कल तू फिर मेरे सपने में आयी है

क्यूँ कल तू......

                        "मल्हार''

                 मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 415

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by रोहित डोबरियाल "मल्हार" on June 13, 2017 at 5:02pm

रामबली गुप्ता जी # आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया के लिए सादर धन्यवाद।

Comment by रामबली गुप्ता on June 13, 2017 at 4:24pm
अच्छा प्रयास है। सादर बधाई। इसी प्रकार प्रयासों कथ्य और शिल्प और सुंदर होते जाएँगे।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"बहुत शुक्रिया आदरणीय गजेन्द्र जी. आभारी हूँ. यदि थोड़ा स्पष्ट सुझाव मिल जाता तो बड़ी कृपया होती.…"
4 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"बहुत शुक्रिया आदरणीय लक्ष्मण धामी जी. दिल से आभारी हूँ."
6 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"बहुत शुक्रिया आदरणीया मंजीत कौर जी. आभारी हूँ."
7 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय दयाराम जी, सादर अभिवादन! अच्छी ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. एक जिज्ञासा है, क्या…"
8 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, सादर अभिवादन! अच्छी ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. मतला अच्छा…"
14 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल हुई है आदरणीय विकाश जोशी जी. हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. कृपया आयोजन में सक्रियता…"
19 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय तस्दीक़ अहमद खान जी, सादर अभिवादन! बढ़िया ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. कृपया…"
23 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीया रिचा जी, सादर अभिवादन! कृपया मंच और गुणीजनों का संज्ञान लें. धन्यवाद!"
29 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीया मंजीत कौर जी, सादर अभिवादन! सुन्दर ग़ज़ल से मंच को नवाज़ने के लिए ढेर सारी बधाई स्वीकार कीजिए.…"
32 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, सादर अभिवादन! अच्छी ग़ज़ल कही आपने. मेरी तरफ़ से हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए.…"
56 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, सादर अभिवादन! आपकी इस ग़ज़ल पर मेरी तरफ़ से हार्दिक बधाई प्रेषित है. सिर्फ़ दो…"
1 hour ago
Manjeet kaur replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय तस्दीक अहमद जी आदाब, बहुत सुंदर ग़ज़ल हुई है बहुत बधाई।"
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service