यूँ तो अपना था वो कहने को
पर वो अपना हो ऐसा एहसास कहाँ,
उनके दिल में उतर कर देखा जो ख़ुद को
तो जाना उनके दिल में अपना ठौर कहाँ,
ख़ुद तजुर्बा ये मैने है पाया
इस दुनिया में वफ़ा का मोल कहाँ,
झूठे वादों पर चलती है दुनिया
सच का तो अब है मौन यहाँ,
यूँ तो अपना था वो कहने को
पर वो भी अपना हो ऐसा एहसास…
Added by रोहित डोबरियाल "मल्हार" on August 2, 2021 at 11:30pm — 12 Comments
Added by रोहित डोबरियाल "मल्हार" on March 5, 2018 at 10:16pm — 2 Comments
Added by रोहित डोबरियाल "मल्हार" on October 5, 2017 at 1:30pm — 5 Comments
एक ख्वाहिश पूरी कर दे तू इबादत के बगैर
वो आ कर गले लगा ले मेरी इजाजत के बगैर
ऐ खुदा हुस्न और दौलत तो तेरी कुदरत है
मैं मानूँ अगर वो अपना ले मुझे इनके बगैर
बोल कर इज़हार क्यों करूँ अपने इश्क़ का
मैं मानूँ अगर वो जान जाये इशारे किए बगैर
यूँ तो आदत नही किसी को देखूं मुड़ कर
पर दिल करता है देखूं तुझे पलकें गिरे बगैर
शौक लगा उसी दिन मुहब्बत का मुझे यारों
दिल खो गया था जिस दिन खोये बगैर
कोई उम्मीद,दिलासा दे दे मुलाकात…
ContinueAdded by रोहित डोबरियाल "मल्हार" on October 1, 2017 at 10:26pm — 4 Comments
ये क्यूँ और कैसे हो गया
हद में रहकर भी बेहद हो गया
था कभी जो नज़रों और ख्वाबों में,
ना जाने अब क्यूँ ओझल हो गया
चाहूँ मैं उसको जितना ज्यादा
वो दूर क्यूँ मुझसे उतना हो गया
ये क्यूँ और कैसे हो गया
हद में रहकर भी बेहद हो गया
सोचा भूल जाऊँ अब उसे मैं
पर वो क्यूँ मेरी रूह में बस गया
लौट-लौट कर आती हैं यादें तेरी
क्यूँ हर लम्हा मेरा तेरे नाम हो गया
पाना क्यूँ…
ContinueAdded by रोहित डोबरियाल "मल्हार" on September 25, 2017 at 10:06pm — 7 Comments
तू है मैं हूँ
तू है मै हूं और साथ मेरी तन्हाई है
क्यूँ कल तू फिर मेरे सपने में आयी है
तेरा इस कदर मेरे सपने में आना
और आकर फिर इस तरह से जाना
मेरा चैन और सुकूंन सब तेरा ले जाना
मेरे सपने में तेरा यूँ आके चले जाना
बिन तेरे ना कुछ भी अब अच्छा लगता है
तेरा यूँ छोड़ के जाना ना अच्छा लगता है
क्यूँ तुझको प्यार मेरा ना सच्चा लगता है
बस तेरे में खो जाना क्यूँ अच्छा लगता है
बिन तेरे ना कुछ भी अब अच्छा लगता…
ContinueAdded by रोहित डोबरियाल "मल्हार" on June 11, 2017 at 10:11pm — 2 Comments
भूल गया जो मै खुद को तुझको पाकर
ये क्या कर बैठा दिल मेरा तुझपे आकर,
बस गये जो तुम मेरे इस दिल में आकर
मर न जाऊँ कहीँ मै इतनी ख़ुशी पाकर,
तूने ये क्या कर दिया दिल में मेरे आकर
अब तोड़ो ना दिल इस तरह से जाकर,
ख़ुदा मिल गया था जैसे तुझको पाकर
बता अब क्या कहूँ में ख़ुदा के घर जाकर,
पूछे जो क्यों भूल गया था किसी को पाकर
तू ही कुछ राह सूझा जा वापिस आकर,
कैसे बताऊँ मिल गया था क्या तुझको पाकर
ख़ुदा ही रूठ गया मेरा तो जैसे…
ContinueAdded by रोहित डोबरियाल "मल्हार" on April 29, 2017 at 6:26am — 3 Comments
तेरा मेरा साथ अगर हो जाये
तो जीना मेरा पुख़्ता हो जाये
धूप कभी गर लगे जो मुझको
छांव तेरी जुल्फों का हो जाये
ना कोई वादा ना कोई कसमें
निभाते चलें बस प्यार की रस्में
सांस अधूरी धड़कन अधूरी
जब तुम ना थे तब हम अधूरे
पूरा है अब चाँद फलक पर
अब तू भी पूरा में भी पूरा।
रोहित डोबरियाल"मल्हार"
मौलिक व अप्रकाशित
Added by रोहित डोबरियाल "मल्हार" on April 24, 2017 at 8:24pm — No Comments
तू ही तो मेरा अपना है
लगता यह इक सपना है
कहता मेरा पागल दिल
बस तेरे लिए धड़कना है
ना मेरे दिल ना मेरे में कोई बुराई है
लगता है किस्मत में ही जुदाई है
चल दिल भी तेरा मैं भी तेरा
यह सपना तू कर दे बस पूरा
अल्फ़ाज़ के कुछ तो कंकर फ़ेंको,
इस दिल में बड़ी गहराई है
अब अकेला हूँ मैं यारों ….
बस साथ मेरी तन्हाई है
बस साथ मेरी तन्हाई है
"मल्हार"
मौलिक व अप्रकाशित
Added by रोहित डोबरियाल "मल्हार" on April 22, 2017 at 9:06pm — 4 Comments
नज़र से मेरी नज़र जो मिली तेरी
दिल की धड़कनें कुछ यूँ बढ़ी मेरी
ये दिल जो हो गया है अब तेरा
तू ही बता क्या कसूर इस में मेरा
गा रहा ये दिल तराने अब तेरे
बज रहा हो सितार जैसे दिल में मेरे
ख्यालों में डूबा हूं इस कदर अब तेरे
दिन गये चैन-ओ-सुकून वाले अब मेरे
बेवफ़ाई जो कर गयी नज़रें तेरी
किस्मत ही मुकर गयी जैसे मेरी
तुझे न पा सकूँ तो मेरी क्या कमी है
बस आँखों में जिंदगी भर की नमी है
मेरे दिल…
ContinueAdded by रोहित डोबरियाल "मल्हार" on April 21, 2017 at 11:30pm — 2 Comments
तू गीत कोई "मल्हार"सा गा दे
जो मुझको तेरा मीत बना दे,
मुखड़े पर स्वर-संगीत उठा कर
स्थाई पर जैसे सम आकर,
तू गीत कोई "मल्हार" सा गा दे
कुछ एक नयी सी रीत बना दे,
फिर एक नई बंदिश तू लिख दे
जो दिल आकर घर सा कर दे,
मुझको अपनी मीत बना दे
मुझको अपनी जीत बता दे,
तू कुछ ऐसा गीत बना दे
जो तेरी मेरी प्रीत बता दे,
तू गीत कोई "मल्हार"सा गा दे
जो मुझको तेरा मीत बना दे,
तू गीत कोई "मल्हार"सा गा दे
जो…
ContinueAdded by रोहित डोबरियाल "मल्हार" on April 19, 2017 at 11:41am — 2 Comments
तेरी आँखों ने
दीवाना बना दिया मुझको
में क्या था और
ये क्या बना दिया मुझको
क्या पता है हाल-ए-खबर तुझे
जो दे गयी है बेचैनी मुझे
क्यों समझते नही ख़ामोशी मेरी
क्या पता नहीं तुम्हें कहानी मेरी
कहते हैं सब ये शराफत है तेरी
पर कैसे बताऊँ तू ही तो मंज़िल है मेरी
सुनो ना जिसे सब लोग जिंदगी कहते हैं
तुम बिन उसे मैं अब क्या कहूँ
ये इश्क क्या है मालूम नहीं
पर इक दर्द सा सीने में है
दीवाना हूँ सादगी का तेरी
सुन ले आरजू इस दिल…
Added by रोहित डोबरियाल "मल्हार" on April 17, 2017 at 8:17pm — 6 Comments
माना ये गलती मेरी थी पर
थोड़ी थोड़ी तेरी थी
ये दिल जो तेरा हो बैठा
कल तक ये जो मेरा था
तेरी वो बातूनी बातें
जैसे हो बरसात बिना छाते
होगा पश्चाताप तुम्हें तब
जिस दिन सोचे गलती तेरी थी
तुझसे महोब्बत कर बैठे
यही तो गलती मेरी थी
मेरी बातें तुम समझ ना पायी
यही तो गलती तेरी थी
यही तो गलती मेरी थी
मौलिक व अप्रकाशित
Added by रोहित डोबरियाल "मल्हार" on April 15, 2017 at 8:49pm — No Comments
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