तू है मैं हूँ
तू है मै हूं और साथ मेरी तन्हाई है
क्यूँ कल तू फिर मेरे सपने में आयी है
तेरा इस कदर मेरे सपने में आना
और आकर फिर इस तरह से जाना
मेरा चैन और सुकूंन सब तेरा ले जाना
मेरे सपने में तेरा यूँ आके चले जाना
बिन तेरे ना कुछ भी अब अच्छा लगता है
तेरा यूँ छोड़ के जाना ना अच्छा लगता है
क्यूँ तुझको प्यार मेरा ना सच्चा लगता है
बस तेरे में खो जाना क्यूँ अच्छा लगता है
बिन तेरे ना कुछ भी अब अच्छा लगता है
तेरा यूँ छोड़ के जाना ना अच्छा लगता है
तू है मैं हूँ और साथ मेरी तन्हाई है
क्यूँ कल तू फिर मेरे सपने में आयी है
क्यूँ कल तू फिर मेरे सपने में आयी है
क्यूँ कल तू......
"मल्हार''
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
रामबली गुप्ता जी # आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया के लिए सादर धन्यवाद।
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