For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मैं तेरा हूँ बस तेरा

तेरे दिल में मेरा बसेरा

मेरे दिल में तेरा ही डेरा

सारी उम्र तू हसीन कर ले

मुझ पर तू यकीन कर ले.....

क्यूँ बार बार दिल तोडती है

इरादों को यूँ मोड़ती है

जब किस्मत हमें जोड़ती है

दूरियों को तू महीन कर ले

मुझ पर तू यकीन कर ले.....

आजा छोटा सा जीवन है

चार दिनों का यौवन है

हर मौसम ही सावन है

खुशी  को तू आमीन कर ले

मुझ पर तू यकीन कर ले....

हम दोनों है और कोई नही

कोई तेरा नही कोई मेरा नही

तू जहाँ है मैं हूँ वहीं

आसमां को तू जमीन कर ले

मुझ पर तू यकीन कर ले...

दूरी में हर परेशानी है

ये कैसी बातें ठानी है

हमदोनों ही अभिमानी है

यादों को तू नमकीन कर ले

मुझ पर तू यकीन कर ले....

जितेन्द्र 'गीत'

मौलिक व् अप्रकाशित

Views: 927

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 23, 2013 at 10:36pm

आपका बहुत बहुत आभार , आदरणीया मीना जी

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 23, 2013 at 10:35pm

आदरणीय श्याम नारायण जी , आपका बहुत बहुत आभार

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 23, 2013 at 9:48pm

आपकी उत्साह बर्धक प्रतिक्रिया हेतु आपका बहुत बहुत आभार आदरणीया विनीता जी

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 23, 2013 at 9:43pm

रचना आपको पसंद आई, लेखनकर्म सार्थक हुआ, स्नेह बनाये रखियेगा राम भाई

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 23, 2013 at 9:36pm

रचना ने आपका दिल जीत लिया , मेरा सौभाग्य है नीरज भाई, स्नेह बनाये रखियेगा

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 23, 2013 at 9:33pm

आपकी उत्साहबर्धक प्रतिक्रिया से लेखनकर्म को प्रगति की राह मिलतीहै, स्नेह व् आशीर्वाद बनाये रखियेगा आदरणीय गिरिराज जी

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 23, 2013 at 9:29pm

आदरणीय अभिनव अरुण जी, यह आपका बडप्पन है, मेरी लेखनी को आप, गीतिका जी व् ओ बी ओ के समस्त रचनाकरों के मार्गदर्शन, स्नेह व् आशीर्वाद की हमेशा आवश्यकता रहेगी

सादर!

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on August 23, 2013 at 9:24pm

आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया से लेखनकर्म के प्रति मनोबल दूना हो गया व् रचना को सार्थकता का प्रमाण मिला, आपका बहुत बहुत शुक्रिया गीतिका जी

सादर!

Comment by Meena Pathak on August 23, 2013 at 3:52pm

बहुत सुन्दर रचना , बधाई 

Comment by Shyam Narain Verma on August 23, 2013 at 3:45pm
बहुत ही सुन्दर! हार्दिक बधाई आपको!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो"
34 minutes ago
Aazi Tamaam commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"अच्छी रचना हुई आदरणीय बधाई हो"
36 minutes ago
Aazi Tamaam commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"अच्छी ग़ज़ल हुई आदरणीय बधाई हो 3 बोझ भारी तले को सुधार की आवश्यकता है"
36 minutes ago
Aazi Tamaam commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई आदरणीय इस बह्र पर हार्दिक बधाई"
40 minutes ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय सुरेंद्र इंसान जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
42 minutes ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"बहुत शुक्रिया आदरणीय भंडारी जी इस ज़र्रा नवाज़ी का"
43 minutes ago
surender insan commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई जी  छन्न पकैया (सारछंद) में आपने शानदार और सार्थक रचना की है। बहुत बहुत बधाई…"
1 hour ago
surender insan commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय आज़ी भाई आदाब। बहुत बढ़िया ग़ज़ल के लिए बधाई स्वीकार करे जी।"
2 hours ago
surender insan commented on surender insan's blog post जो समझता रहा कि है रब वो।
"आदरणीय सौरभ जी सादर नमस्कार जी। ग़ज़ल पर आने के लिए और अपना कीमती वक़्त देने के लिए आपका बहुत बहुत…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आदरणीय सुरेश भाई ,सुन्दर  , सार्थक  देश भक्ति  से पूर्ण सार छंद के लिए हार्दिक…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . विविध
"आदरणीय सुशिल भाई , अच्छी दोहा वली की रचना की है , हार्दिक बधाई "
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरनीय आजी भाई , अच्छी ग़ज़ल कही है हार्दिक बधाई ग़ज़ल के लिए "
6 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service