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भारत छोड़ो
महात्मा गाँधी ने "असहयोग आंदोलन"(1919) किया था , लेकिन अन्त में उनको भी तंग आकर "भारत छोड़ो"(1942) आंदोलन का बिगुल फूँकना पड़ा.

'असहयोग' नहीं, 'भारत छोड़ो' याद करो महात्मा का
बहुत सुने हो गैरों का  , एक बार  तो सुनो आत्मा का
बहुत घिसे,बहुत पिसे,अब छोड़ो घिसना-पिसना तुम
वक़्त आ गया है यारों  , इस बहरे तंत्र की ख़ात्मा का

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Comment by Rash Bihari Ravi on August 18, 2011 at 8:30pm

बहुत घिसे,बहुत पिसे,अब छोड़ो घिसना-पिसना तुम 
वक़्त आ गया है यारों  , इस बहरे तंत्र की ख़ात्मा का

to aapne bigul fuk diya to ham aapke sath hain bhai

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