हवा के पंखो पर चढ़कर
आती है तेरी खुशबू
नदियों के जल के साथ बहकर
कभी प्रपात बनकर, निनाद करती
अमृत सी झरती
आती है तेरी मिठास |
सूरज बनकर आता है कभी
सात घोड़ो के रथ पर सवार तू
अपनी किरणों से देता है जीवन
धरा के सकल चराचर प्राणियों को
ओर देता है ऊष्मा
धान पकने के लिए
अम्बर बनकर देता है जगह/अवकाश
हम सबको
ढक लेता है पिता सा
वरद हस्त बन, और
धरा धारण कर लेती है हमें
माँ बनकर
इससे अधिक प्रमाण और क्या मिलेगा
तेरे होने का ?
प्रकृति का कण कण कहता
तेरी सुन्दरता की कहानी
तेरी सम्पूर्णता ही
हमारा जीवन है, सुंदरतम जीवन
सत्यम शिवम् सुन्दरम |
तेरी पूर्णता देखनी हो तो
तेरी बनाई प्रकृति के सभी अंशो से
प्यार करना होगा |
मोहिनी चोरडिया
Comment
सत्यम शिवम् सुन्दरम |
तेरी पूर्णता देखनी हो तो
तेरी बनाई प्रकृति के सभी अंशो से
प्यार करना होगा |
SUNDAR BHAAV AUR KHOOBSURAT ABHIVYAKTI | HAARDIK BADHAI !!
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