यह मेरा दर्द है,आँखों से छलक आता है
यूँ ही पैमाना,बदनाम हुआ जाता है
लाख कह ले यह ज़माना,न जीना आया हमें
वक़्त अच्छा हो बुरा हो,गुज़र तो जाता है
सबको हँसता हुआ देख लूँ,मैं चला जाऊँगा
यूँ भी "दीपक" जलनें से कहाँ बच पाता है
मैं न अपनों को याद आऊँ,न गैरों को
प्यार उस हद तक मेरा मुझको,नज़र आता है
Comment
SHUKRIYA AJAY SAHIB
AAPNEN HAMARE JAZWAATON KO SAMJHA PARKHA........
KULUVI
मैं न अपनों को याद आऊँ,न गैरों को
प्यार उस हद तक मेरा मुझको,नज़र आता है .....ETERNAL LOVE EMOTED , THIS IS TRUE GITA SAAR
GOOD ONE .....लाख कह ले यह ज़माना,न जीना आया हमें
वक़्त अच्छा हो बुरा हो,गुज़र तो जाता है
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