छटपटाया बहुत चाँद
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रात बारिश बहुत जोर की थी प्रिये
देख चेहरा तेरा चाँद में खो गया
चाँद भी टिमटिमाता रहा रात भर
सौ सौ बादल उसे घेर आते रहे
फब्तियां कुछ कसे दूर से उड़ चले
कुछ चिढाये डरा जैसे छू ही लिए
लाल - भूरे कई दौड़े छू के गए
कारे - कजरारे गरजे डराते रहे
छटपटाया बहुत चाँद निकला जरा
राह थोड़ी कभी मुझसे मिलता रहा
छुप भी जाता कभी श्वेत आँचल रहा
मुझसे छुप छुप के नजरें मिलाता रहा
दूर मजबूर बंधन मै जकड़ा रहा
कल्पनाओं भरे ख्वाब खेला बढ़ा
मै चकोरा अरे चाँद तू है मेरा
गूंगा गुड खाए मस्ती में बढ़ता रहा
बोल ना मै सका गर्जनाएं बढीं
वर्जनाएं बढीं पग भी ठिठके रहे
छटपटाता रहा चाँद डरता रहा
लाख मिन्नत भरी राह करता रहा
काले बादल अरे ! दानवों से बढे
तम था गहराया लील चन्दा लिए
चाँद आता है क्यों चांदनी देने को ?
हो अँधेरा यहाँ रातें काली रहें
देव -मानव रहें डर से भयभीत हो
दैत्य दानव करें राज कलयुग ही हो
चमकी आँखें मेरी कौंध बिजली पडी
चाँद मुस्काया बांछें मेरी खिल गयीं
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"मौलिक व अप्रकाशित"
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सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर ५
७. ५ ० पूर्वाह्न -८. १ ० पूर्वाह्न
१४ . ६ . २ ० १ ३
Comment
आदरणीया सावित्री राठोर जी अभिनंदन है आप का ..रचना आप के मन को छू सकी
आप से प्रोत्साहन मिला मन खुश हुआ लिखना सार्थक रहा ...अपना स्नेह और प्रोत्साहन यूं ही बनाये रखें
आभार
भ्रमर ५
आदरणीय लक्ष्मण जी ...चाँद मुस्काया बांछें मेरी खिल गयीं-ये पंक्ति आप को भायी अच्छा लगा सुन के
आप से प्रोत्साहन मिला मन खुश हुआ लिखना सार्थक रहा ...अपना स्नेह यूं ही बनाये रखें
आभार
भ्रमर ५
प्रिय जितेन्द्र गीत जी अभिनंदन है आप का
आप से प्रोत्साहन मिला मन खुश हुआ लिखना सार्थक रहा ...अपना स्नेह यूं ही बनाये रखें
आभार
भ्रमर ५
प्रिय और आदरणीय रविकर जी
आप से प्रोत्साहन मिला मन खुश हुआ लिखना सार्थक रहा ...आप की वाणी में माँ सरस्वती यूं ही विराजें छंद रचनाएँ बनती जाएँ हमारी धरोहर ..सुन्दर
आभार
भ्रमर ५
प्रिय शिरोमणि जी
आप से प्रोत्साहन मिला मन खुश हुआ लिखना सार्थक रहा आप की बधाई सर आँखों पर
आभार
भ्रमर ५
आदरणीया महिमा श्री जी अभिनन्दन है आप का बहुत दिनों बाद आप आयीं सराहना मिली हार्दिक ख़ुशी हुयी ..
लिखना सार्थक रहा
आप से प्रोत्साहन मिला मन खुश हुआ
आभार
भ्रमर ५
आदरणीया गीतिका वेदिका जी अभिनन्दन है आप का ..
रचना में सुन्दर विचार और भाव आप ने देखा लिखना सार्थक रहा मित्रता यूं ही बनी रहे तो आनंद और आये रचना आप को भायी
आप से प्रोत्साहन मिला मन खुश हुआ
आभार
भ्रमर ५
प्रिय अनंत जी व्यस्तता से देर में मिलना होता है आप सब का स्नेह यूं ही बना रहे तो आनंद और आये रचना आप को भायी
आप से प्रोत्साहन मिला मन खुश हुआ
आभार
भ्रमर ५
आदरणीया अन्नपूर्णा जी अभिनन्दन है आप का ..आप से प्रोत्साहन मिला मन खुश हुआ
आभार
भ्रमर ५
एक अच्छी रचना हेतु बधाई !
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